Turkey asks parliament for the deployment of peacekeepers in Azerbaijan

Loading

अंकारा: तुर्की सरकार (Turkey Government) ने अज़रबैजान (Azerbaijan) एवं आर्मीनिया (Armenia) के बीच संघर्षविराम समझौते की निगरानी के लिए शांतिरक्षकों की तैनाती की मंजूरी के लिए सोमवार को संसद में एक प्रस्ताव पेश किया।

संघर्ष में आजरबैजान का सहयोगी तुर्की नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र (Nagorno-Karabakh Region) को लेकर अज़रबैजान एवं आर्मीनिया के बीच छह सप्ताह तक चले संघर्ष को समाप्त करने वाले संघर्षविराम की निगरानी संबंधी भूमिका के लिए रूस के साथ वार्ता कर रहा है।

रूस (Russia) और तुर्की ने अज़रबैजान में एक संयुक्त निगरानी केंद्र खोलने के लिए बुधवार को एक ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किए। संसद में पेश किए गए प्रस्ताव में तुर्की के शांतिरक्षकों को भेजने के लिए एक साल के आदेश का अनुरोध किया गया है। इसमें कहा गया है कि देश के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन भेजे जाने वाले सैनिकों की संख्या निर्धारित करेंगे। इस प्रस्ताव पर आगामी दिनों में चर्चा होने की संभावना है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि शांतिरक्षा अभियान के तहत असैन्य कर्मियों को भी तैनात किया जा सकता है। रूसी अधिकारियों ने कहा है कि तुर्की की संलिप्तता आजरबैजान की जमीन पर निगरानी केंद्र में काम करने तक ही सीमित होगी और तुर्की के शांतिरक्षक नार्गोनो-काराबाख नहीं जाएंगे।

संघर्ष विराम के लिए मध्यस्थता करने वाला रूस पांच साल के लिये करीब 2,000 शांतिरक्षक बलों को भेज रहा है। उल्लेखनीय है कि आजरबैजान की सीमा में आने वाला नागोर्नो-काराबाख वर्ष 1994 में अलगाववादी युद्ध के बाद से ही आर्मीनिया समर्थित आर्मीनियाई जातीय बलों के नियंत्रण में है।