Iran warns US after drone attack on Israel
तस्वीर में इरान, अमेरिका और इजरायल देश के प्रमुख

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वाशिंगटन: अमेरिका ने इजराइल पर ईरान द्वारा छोड़े गए 80 से अधिक ड्रोन और कम से कम छह बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराया। पेंटागन ने यह जानकारी दी। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने बताया कि इसमें एक बैलिस्टिक मिसाइल और यमन के हूती नियंत्रित इलाकों में नष्ट किए गए सात मानवरहित यान या ड्रोन शामिल हैं जिन्हें छोड़ने से पहले ही नष्ट कर दिया गया। ईरान ने इजराइल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागीं जिसे तेहरान ने सीरिया में ईरान के दूतावास पर एक अप्रैल को किए उसके हमले की प्रतिक्रिया बताया है। ईरान के लगभग सभी ड्रोन और मिसाइलों को इजराइली, अमेरिकी और सहयोगी सेनाओं ने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले हवा में ही मार गिराया।

अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने 80 ड्रोन और कम से कम छह बैलिस्टिक मिसाइलें मार गिरायीं जो ईरान तथा यमन की ओर से इजराइल की ओर छोड़ी गयी थीं। इसमें कहा गया है, ईरान का निरंतर अभूतपूर्व, दुर्भावनापूर्ण और लापरवाह बर्ताव क्षेत्रीय स्थिरता और अमेरिका एवं उसके गठबंधन बलों की सुरक्षा को खतरे में डालता है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ईरान के इन खतरनाक कृत्यों के खिलाफ इजराइल की रक्षा में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने सभी क्षेत्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।

जी-7 देशों के नेताओं ने इजराइल के खिलाफ ईरान के सीधे और अप्रत्याशित हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए रविवार को कहा कि इस घटनाक्रम के कारण क्षेत्र में अनियंत्रित तनाव बढ़ने का खतरा है। इजराइल ने इस हमले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन” बताया और ईरान पर क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। वहीं, ईरान ने कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग करते हुए यह अभियान शुरू किया।

ईरान ने बदला लेने की खाई थी कसम

गौरतलब हो कि सीरिया में एक अप्रैल को हवाई हमले में ईरानी वाणिज्य दूतावास में एक शीर्ष कमांडर सहित आईआरजीसी के सात अधिकारियों के मारे जाने के बाद ईरान ने बदला लेने का संकल्प लिया था। ईरान ने इस हमले के पीछे इजराइल का हाथ होने का आरोप लगाया था। हालांकि, इजराइल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। ईरान का ये हमला भी उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं यह भी कयास लगाया जा रहा है कि इस हमले का जवाब इजराइल जल्द ही दे सकता है।