Joe Biden

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वाशिंगटन: अमेरिका, कनाडा और संयुक्त राष्ट्र ने इजराइल पर ईरान के हमले की निंदा की है, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक समन्वित जवाब तैयार करने को लेकर जी-7 देशों के नेताओं की एक बैठक बुलाने की बात कही है। इजराइली सेना ने रविवार को कहा कि ईरान द्वारा दागे गए 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइल में से 99 प्रतिशत से अधिक को मार गिराया गया। बाइडन ने कहा, ‘‘हमने लगभग सभी ड्रोन और मिसाइल को मार गिराने में इजराइल की मदद की।” बाइडन ने शनिवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात करने के बाद कहा, ‘‘आज ईरान ने और यमन, सीरिया एवं इराक से उसके सहयोगियों ने इजराइल में सैन्य प्रतिष्ठानों के खिलाफ एक अभूतपूर्व हवाई हमला किया। मैं इन हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।” ईरान के ‘इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कोर’ (आईआरजीसी) ने कहा कि हमला ‘‘विशेष लक्ष्यों” को निशाना बनाकर किया गया था।

सीरिया में एक अप्रैल को हवाई हमले में ईरानी वाणिज्य दूतावास में एक शीर्ष कमांडर सहित आईआरजीसी के सात अधिकारियों के मारे जाने के बाद ईरान ने बदला लेने का संकल्प लिया था। ईरान ने इस हमले के पीछे इजराइल का हाथ होने का आरोप लगाया था। हालांकि, इजराइल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। इस बीच, नेतन्याहू ने ईरान के हमले के बाद ‘वार कैबिनेट’ की बैठक बुलाई और बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन से बात की। नेतन्याहू ने कहा कि बाइडन ने ‘‘इजराइल की सुरक्षा के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता” दोहराई है। बाइडन ने कहा कि इजराइल की मदद करने के उनके निर्देश पर अमेरिकी सेना ने पिछले सप्ताह क्षेत्र में विमान और बैलेस्टिक मिसाइल विध्वंसक भेजे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इजराइल की सुरक्षा के प्रति अमेरिका की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए कुछ ही देर पहले प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बात की।” बाइडन ने कहा, ‘‘ईरान के वीभत्स हमले का एक संयुक्त राजनयिक जवाब देने के लिए समन्वय बनाने को लेकर कल (सोमवार को) मैं जी-7 के अपने साथी नेताओं की बैठक बुलाऊंगा।” उन्होंने कहा, ‘‘मेरी टीम क्षेत्र के नेताओं के साथ बातचीत करेगी और हम इजराइल के नेता के साथ संपर्क में रहेंगे। हालांकि, हमने आज अपनी सेनाओं या प्रतिष्ठानों पर हमले नहीं देखे हैं, लेकिन हम सभी खतरों के प्रति सतर्क रहेंगे और हमारे लोगों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे।”

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका, इजराइल पर ईरान के हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने हमले की निंदा की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस शत्रुता को तत्काल समाप्त करने का आग्रह करता हूं।” उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र में विनाशकारी हमले से जुड़े वास्तविक खतरे को लेकर मैं बेहद चिंतित हूं। मैं सभी पक्षों से किसी भी ऐसी कार्रवाई से बचने के लिए अधिकतम संयम बरतने का आग्रह करता हूं जो पश्चिम एशिया में कई मोर्चों पर बड़े सैन्य टकराव का कारण बन सकता है।”

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने पश्चिम एशिया में स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘ईरान ने दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हाल के हमले के बाद इजराइल पर हमले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के संदर्भ में अपनी कार्रवाई बताया है। ईरान के इस कदम ने पश्चिम एशिया में पहले से ही तनावपूर्ण और नाजुक शांति एवं सुरक्षा की स्थिति को और खराब कर दिया है।” कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इजराइल के खिलाफ ईरान के हवाई हमलों की निंदा की। उन्होंने कहा, ‘‘हम इजराइल के साथ हैं। हमास के सात अक्टूबर के हमले का समर्थन करने के बाद ईरानी शासन का यह कदम इस क्षेत्र को और अस्थिर कर देगा।”

इस बीच, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिकी सेना क्षेत्र में अपने सैनिकों और साझेदारों की रक्षा करने, इजराइल की रक्षा के लिए और अधिक सहायता प्रदान करने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ाने के लिए तत्पर है। ऑस्टिन ने कहा कि वह स्थिति पर करीब से नजर रखना और अमेरिकी सहयोगियों और साझेदारों के साथ परामर्श करना जारी रखेंगे। उन्होंने इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट से भी बात की और इजराइल की रक्षा के लिए अमेरिका का समर्थन दोहराया। वहीं, सिंगापुर ने इजराइल पर किये गए मिसाइल हमलों की निंदा करते हुए कहा कि इससे तनाव बढ़ सकता है और पहले से ही तनावग्रस्त क्षेत्र और अस्थिर हो सकता है। सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सिंगापुर पश्चिम एशिया में अस्थिर स्थिति और गाजा में युद्ध के लगातार खतरे को लेकर काफी चिंतित है, जिससे व्यापक क्षेत्रीय टकराव पैदा हो रहा है।”

(एजेंसी)