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    नई दिल्ली: पिछले काफी दिनों दिनों से श्रीलंका (Sri Lanka Crisis) में आर्थिक और राजनीतिक संकट चल रहा है। यह संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। देश के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद अब प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है। इस बीच रानिल विक्रमसिंघे ने पूरे देश में आपातकाल (Emergency) की घोषणा की है। 

    बता दें कि, श्रीलंका के हालात दिन प्रति दिन ख़राब होते जा रहे है। श्रीलंका में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में घुसे थे। इस दौरान पू गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) देश से भाग गए थे। जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। 

    श्रीलंका के राष्ट्रपति के पास यह अधिकार है कि, वह पब्लिक सेक्योरिटी ऑर्डनेंस के इमरजेंसी रेगुलेशंस पार्ट 2 को लागू कर सकता है। वहीं, अब विक्रमसिंघे ने इसी को लागू किया है। इसके तहत राष्ट्रपति पुलिस को कानून व्यवस्था सुचारू बनाए रखने का आदेश दे सकते हैं। यदि पुलिस यह काम करने में असफल हुई तो राष्ट्रपति की तरफ से सशस्त्र बलों को यह ताकत दी जा सकती है।

    श्रीलंका में 20 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव होने वाले है। वहीं, देश में आपातकाल की घोषणा वाला 17 जुलाई की तारीख वाला सरकारी आदेश सोमवार सुबह जारी किया गया। 

    अध्यादेश के इस भाग में लिखा है,‘‘अगर राष्ट्रपति का विचार है कि पुलिस हालात को संभाल पाने में विफल है तो वह एक आदेश जारी करके सशस्त्र बलों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कह सकते हैं।” इसका तात्पर्य है कि सुरक्षा बलों को छापे मारने, गिरफ्तार करने, जब्त करने, हथियार और विस्फोटकों को हटाने तथा किसी भी व्यक्ति के आवास में घुसने और तलाशी लेने का अधिकार है।