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नई दिल्ली: भारत (India) के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत करने के लिए दुनिया भर के कई देश उत्साहित हैं। इसी बीच ब्रिटेन (Britain) का एक ऐसा बयान आया है जो भारत के लिए आश्चर्य की बात है। ब्रिटेन के सांसद गैरेथ थॉमस (Gareth Thomas) ने एक बड़ी ही गंभीर बात कही है। उन्होंने कहा कि गुजराती, उर्दू और हिंदी (Gujarati, Urdu and Hindi) पढ़ाना ब्रिटेन के इकोनॉमिक फ्यूचर (Britain’s economic future) के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यूनाइटेड किंगडम सरकार को दक्षिण एशियाई भाषा की शिक्षा में निवेश करने की आवश्यकता है, क्योंकि ये भाषा कौशल दोनों देशों के बीच संबंधों को गहरा करने के लिए आवश्यक हैं। 

गैरेथ थॉमस ने कहा कि यूके को दक्षिण एशियाई भाषा की शिक्षा देने के लिए गंभीर वित्तीय और शैक्षणिक समर्थन शुरू करने की आवश्यकता है। गुजराती, उर्दू और हिंदी की पढ़ाई ब्रिटेन के आर्थिक भविष्य के साथ-साथ हमारे देश में युवाओं के बीच अकादमिक उत्कृष्टता के अवसर के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन भारत के साथ अपने व्यापार संबंधों को मजबूत करना चाहता है, इसलिए हमें दक्षिण एशिया की भाषाओं में निवेश करना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि ये भाषा कौशल हमारे संबंधों को अधिकतम करने के लिए अभिन्न हैं। भारत में न केवल बढ़ती जनसंख्या और अर्थव्यवस्था है, बल्कि एक बढ़ता हुआ मध्यम वर्ग भी है, जो भारत को यूके का एक प्रमुख भागीदार बनाता है। भारत और यूके के बीच मजबूत संबंधों की सराहना किया। बता दें कि भारत में अनेकों प्रकार की भाषा हैं। हिंदी सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा है। पिछले कुछ सालों में हिंदी को लेकर विश्व भर में पीएम मोदी ने एक अलग ही पहचान बनाई है। कई देशों में पीएम मोदी ने हिंदी में ही भाषण दिया है ऐसे में कई देश अब हिंदी के प्रति अपनी रूचि बढ़ा रहे हैं।