Corona epidemic could not stop India from economic reforms: Sandhu

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वाशिंगटन. भारत और अमरिका को एक दूसरे का स्वाभाविक सहयोगी बताते हुये भारत के राजदूत ने यहां कहा कि विकास के बारे में भारत की ठोस परिकल्पना को वास्तविकता में बदलने के लिये भारत की अमेरिका के साथ भागीदारी काफी अहम है। भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधु ने यहां हडसन इंस्टीट्यूट में अपने संबोधन में कहा कि भारत और अमेरिका आपस में ‘‘कानून के शासन के तहत लोकतंत्र, स्वतंत्रता और अवसरों की समानता जैसे साझा मूल्यों से बंधे हैं। ” उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने लोकतंत्र के तौर पर हम एक दूसरे के स्वाभाविक सहयोगी हैं।” संधु ने कहा, ‘‘विकास के हमारे ठोस विजन को वास्तविकता में बदलने के लिये अमेरिका के साथ हमारी भागीदारी काफी अहम् है।

भारत- अमेरिका भागीदारी में काफी कुछ हासिल किया गया और आने वाले दिनों में इसमें काफी कुछ हासिल किया जाना बाकी है।” यह परिचर्चा हडसन इंस्टीट्यूट में भारत पहल की निदेशक अपर्णा पांडे ने आयोजित की थी। उन्होंने भी भारत- अमेरिका के बीच संबंधों को स्वाभाविक सहयोगी के तौर पर बताया। उन्होंने कहा कि भारत और अमरिका के बीच आर्थिक, रणनीतिक और लोगों के स्तर पर आपस में बेहतर भागीदारी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की सभी फाच्र्युन- 500 कंपनियां भारत में निवेश करने वाली 2,000 अमेरिकी कंपनियों में शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ 200 से अधिक भारतीय कंपनियों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 22 अरब डालर से अधिक का निवेश किया है। भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में सवा लाख से अधिक रोजगार पैदा किये हैं। संधु ने 40 लाख के करीब भारतीय- अमेरिकी समुदाय द्वारा निभाई गई भूमिका का भी उल्लेख किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा दो लाख के करीब भारतीय छात्र और अमेरिका में काम करने वाले अन्य पेशेवर भी दोनों देशों के बीच अहम भूमिका निभा रहे हैं।(एजेंसी)