नई दिल्ली: एक बड़ी खबर के अनुसार श्रीलंका के विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे से पहले प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे को पद छोड़ने के लिए कहा है। इससे पहले राष्ट्रपति गोटाबया ने बुधवार को पद छोड़ने का वादा किया था।
स्थानीय समाचार न्यूज 1 चैनल अनुसार, तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) के सांसद एम. ए. सुमंथिरन ने बुधवार को कहा कि यह निर्णय सर्वदलीय बैठक में लिया गया, जिसमें सरकार के नेताओं को छोड़कर नेताओं ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि बैठक में दो सर्वसम्मत निर्णय लिए गए जिसमें एक विक्रमसिंघे द्वारा तुरंत इस्तीफा देने के लिए था। जबकि दूसरा राष्ट्रपति के इस्तीफे के प्रभावी होने से पहले प्रधान मंत्री को बर्खास्त करने के लिए था।
इस बीच, समागी जन बालवेगया के मुख्य विपक्षी सचेतक लक्ष्मण किरीला ने कहा कि, बैठक में तीन सशस्त्र बलों के कमांडर भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री पार्टी नेताओं से परहेज कर रहे थे।” उन्होंने कहा कि कमांडरों ने बताया कि प्रदर्शनकारी संसद के द्वार के पास थे और बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ने की अनुमति चाहते थे। उन्होंने कहा, “हमने कहा कि हम इस तरह के अनुरोध पर सहमत नहीं हो सकते हैं,” उन्होंने कहा कि पार्टी के अंतिम नेताओं की बैठक में राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के इस्तीफा देने का आह्वान किया गया था।
नेताओं ने स्पीकर से विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभालने के लिए बर्खास्त करने के लिए कहा है। जिसके बाद बाद संसद उनके साथ काम करने के लिए तैयार है।
उल्लेखनीय है कि, देश में जारी भारी संकट के बीच राष्ट्रपति राजपक्षे बुधवार को मालदीव भाग गए, जहां से उन्होंने प्रधान मंत्री विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया, जिससे राजनीतिक संकट बढ़ गया है।