Russia, Ukraine
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    वाशिंगटन: यूक्रेन के मुद्दे को लेकर रशिया और नाटो देशों में स्थिति बेहद नाजुक मोड़ पर आगई है। एक ओर रूस जहां यूक्रेन की सीमाओं पर लगातार अपने सैनिकों को भेज रहा है। वहीं दूसरी ओर नाटो देशों ने भी पूर्वी यूरोप की रक्षा के लिए रूस से लगती सीमाओं पर अपने फाइटर जेट और युद्धपोत को तैनात कर दिया है। जिसके बाद दुनिया में यूक्रेन के मुद्दे पर रूस और नाटो के बीच युद्ध तय माना जाने लगा है। 

    रूस ने एक लाख सैनिकों को किया तैनात 

    यूक्रेन के मुद्दे पर अमेरिका और रूस के बीच बढ़ते विवाद के बीच आई रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने यूक्रेन की सीमा पर करीब एक लाख से ज्यादा सैनिकों को तैनात कर चूका है। इसी के वह वहां पर लगातार युद्ध अभ्यास भी कर रहा है। साथ ही उसने अपने सैनिकों को स्टैंड बय में भी रखा हुआ है। 

    बाल्टिक समुद्र में खुद की रक्षा के लिए तैयार 

    नाटो ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि, “वह बाल्टिक समुद्र के क्षेत्र में अपने बचाव की पूरी तैयारी कर रहा है। इसके लिए सीमाओं पर सैन्य टुकड़ियां तैनात कर दी गई हैं। मदद के लिए डेनमार्क की तरफ से बाल्टिक देश यानी रूस की सीमा से लगते देश लिथुआनिया को एफ-16 फाइटर जेट्स भेजे गए हैं।  इसके अलावा स्पेन भी नाटो संधि के तहत बुल्गारिया को लड़ाकू विमान भेज रहा है।

    यूक्रेन पर रूस कर सकता है हमला 

    यूक्रेन और रशिया के बीच पिछले कई सालों से तनाव बढ़ता  जारहा है। एक समय सोवियत का अंग रहे यूक्रेन पर 2014 में रशिया ने हमला कर उसके क्रीमिया शहर पर कब्ज़ा कर लिया था। जिसके बाद पिछले साल से रूस ने फिर से यूक्रेन की सीमाओं पर सैनिकों की संख्या बढ़ाने लगा है। जिसको लेकर अमेरिका और रूस के बीच युद्ध की संभावना बढ़ने लगी है। अमेरिका को लगता है कि, रूस इस बार हमला कर पूरे यूक्रेन पर कब्ज़ा कर लेगा। 

    क्या है नाटो?

    द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सोवियत संघ के समय दुनिया में बढ़ते अधिकार को देखते हुए और उसे रोकने के लिए उत्तरी अमरीका और यूरोप के तीस देशों ने मिलकर 1949 में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (North Atlantic Treaty Organization ) नाटो का गठन किया था। इस संगठन में अल्बानिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, कनाडा, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, मोंटेनेग्रो, नीदरलैंड, उत्तरी मैसेडोनिया, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश शामिल है।हालांकि, शुरुआत में नाटो में केवल 12 देश ही शामिल थे।