यवतमाल. अध्यापकों के जिला अंतर्गत तबादले करने संदर्भ में सरकारी परिपत्रक निर्गमित किया गया था. लेकिन राज्य में कोरोना संक्रमन बढने से फिजीकल डिस्टन्स की समस्या निर्माण ना हो इसलिए जिन्हे तबादले चाहिए उनकी बिनती तबादले करने संदर्भ में 5 अगस्त को जिला परिषद अध्यापकों के जिला अंतर्गत बिनती तबादले करने के आदेश है. इसकी समयसीमा 10 अगस्त को समापत हुई. यवतमाल जिले में बिनती तबादले नही होने से अब बिनती तबादलों की समयसीमा 20 दिनों तक बढाए ऐसी मांग इब्टा संगठन के जिलाध्यक्ष दिवाकर राऊत ने की है.
इस संदर्भ में ग्रामविकास मंत्री हसन मुश्रीफ को ज्ञापन भेजा गया है. यवतमाल जिला परिषद अंतर्गत 6 हजार कर्मियों के 15 फिसदी तबादले किए गए. जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारी, जिला परिषद कर्मचारी, केंद्र प्रमुख, विस्तार अधिकारी के तबादले किए गए. लेकिन जिला परिषद अध्यापकों की बिनती तबादले करते समय सोशल डिस्टन्स का मुद्दा आगे कर जानबुझकर तबादले रद्द किए गए, ऐसा आरोप ज्ञापन में किया गया है.
इस सबंधी हाईकोर्ट में गए अध्यापक तथा विभागीय आयुक्त कार्यालय में न्याय मांगने के लिए गए अध्यापकों के तबादले प्राथमिकता से करने के आदेश निर्गमित करे, 10 अगस्त तक बिनती तबादलों की समयसीमा समाप्त होने से अध्यापकों के तबादले सुविधानुसार नही हो पाए, इसलिए उसकी समयसीमा 20 दिनों तक बढाए ऐसी मांग इब्टा के दिवाकर राऊत ने ज्ञापन में की है. इस ज्ञापन पर नंदकिशोर वानखडे, सचिन तंबाखे, सचिन ठाकरे, भूषण तंबाखे, सुभाष राऊत, मोतीलाल मोडक के हस्ताक्षर है.