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नयी दिल्ली: आयकर विभाग ने सीमा पार से जुड़े 1,000 करोड़ रुपये के धनशोधन मामले की जांच के तहत चीन के कुछ नागरिकों तथा उनके स्थानीय सहयोगियों के खिलाफ बुधवार को दूसरे दिन भी छापेमारी जारी रखी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विभाग ने अब तक दिल्ली-एनसीआर स्थित विभिन्न परिसरों से कई दस्तावेज, कंप्यूटर संबंधी सहायक उपकरण और लगभग 60-70 लाख रुपये की नकदी जब्त की है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा था कि आयकर अधिकारियों ने अपनी कार्रवाई के तहत मंगलवार को दिल्ली, गुरुग्राम और गाजियाबाद स्थित कम से कम दो दर्जन परिसरों पर छापेमारी की। कार्रवाई की जद में कुछ चीनी लोग, उनके कुछ भारतीय सहयोगी और बैंक अधिकारी शामिल हैं।

सूत्रों ने कहा कि विभाग कई लोगों से पूछताछ कर रहा है और वह आरोपियों से जुड़े कई बैंक खातों तथा उनके द्वारा संचालित कुछ संदिग्ध कंपनियों को फ्रीज करने की प्रक्रिया में है। विभाग ने 42 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान चार्ली पेंग के रूप में हुई है जिसे रैकेट का सरगना माना जाता है और उस देश के कुछ अन्य नागरिक भी रडार पर हैं जो भारत में वर्क वीजा पर हैं। चार्ली पर फर्जी भारतीय वीजा रखने का आरोप है और अधिकारियों ने कहा कि उसने ‘‘चीन को और चीन से हवाला के धन के शोधन के लिए फर्जी कंपनियों की वेब बनाई।”

अधिकारियों ने कहा कि उसका दिखावे का कारोबार चिकित्सा और इलेक्ट्रिक तथा अन्य वस्तुओं के आयात-निर्यात का था। सूत्रों ने कहा कि चार्ली को सितंबर 2018 में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी तथा अवैध मनी चेंजर चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि चार्ली ने मणिपुर की एक महिला से शादी करने के बाद फर्जी भारतीय पासपोर्ट हासिल कर लिया। आयकर अधिकारियों ने इस बारे में पुलिस को सूचना दी है जो चार्ली के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम के उल्लंघन का मामला दर्ज कर सकते हैं।

बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने छापेमारी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह ब्योरे से अवगत नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं आपसे कह सकता हूं कि चीन सरकार चाहती है कि चीनी कंपनियां कारोबार करते समय अंतरराष्ट्रीय कानूनों, स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करें।” प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम चीनी कंपनियों और नगारिकों के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

सीबीडीटी ने एक बयान में कहा था, ‘‘चीनी कंपनी की अनुषंगी और इससे जुड़े संस्थानों ने भारत में खुदरा शोरूम खोलने के लिए छद्म या मुखौटा कंपनियों से 100 करोड़ रुपये की दिखावटी अग्रिम राशि ली। ” कर विभाग के लिए नीति बनाने वाले सीबीडीटी ने कहा कि विश्वसनीय सूचना के आधार पर छापे मारे गए। यह सूचना मिली थी कि कुछ चीनी नागरिक और उनके भारतीय सहयोगी कई मुखौटा कंपनियों के जरिए धन शोधन एवं हवाला लेन-देन में संलिप्त हैं।

बोर्ड ने एक बयान में कहा, ‘‘छापेमारी की कार्रवाई में यह खुलासा हुआ कि चीनी नागरिकों के कहने पर 40 से अधिक बैंक खाते विभिन्न काल्पनिक वित्तीय संस्थानों में खोले गए, जिनमें 1,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि डाली गई दिखाई गई।” बयान में कहा गया, ‘‘छापे की कार्रवाई में बैंक कर्मचारियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट की सक्रिय संलिप्तता से हवाला लेन-देन और धनशोधन के संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं।”