उत्तर कोरिया में कैदियों के शवों के खाद से सैनिकों के लिए हो रही खेती

उत्तर कोरिया. उत्तरी कोरिया से क्रूरता की कहानी बयां करने वाली खबर आ रही है। जिसमे दवा किया जा रहा है की उत्तर कोरिया में राजनीतिक कैदियों के शवों से खाद बनाने का काम किया जा रहा है, जिससे सेना के

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उत्तर कोरिया. उत्तरी कोरिया से क्रूरता की कहानी बयां करने वाली खबर आ रही है। जिसमे दवा किया जा रहा है की उत्तर कोरिया में राजनीतिक कैदियों के शवों से खाद बनाने का काम किया जा रहा है, जिससे सेना के जवानों के लिए फैसले उगाई जा सके। डेली मेल ने अपने खबर में बताया कि उत्तरी कोरिया के केचियॉन कैंप में बंद एक पूर्व महिला कैदी ने जानकारी दी है कि, यहां कैदियों के साथ बहुत ही बुरी तरह बर्बरता की जाती है और शवों को खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह केचियॉन कैंप एक कंसेंट्रेशन कैंप है जो उत्तरी कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से उत्तर में स्थित है। 
 
महिला ने बताया की इन पहाड़ी इलाको में फैसले नहीं उगती थी, किसी ने जानकारी दी कि मारे गए कैदियों के शवों से खाद बनाकर डालने पर फैसले अच्छी होंगी तब से शवों से खाद बनाने का कार्य किया जा रहा है। अब यह जमीन काफी उपजाऊ हो चुकी है। उत्तरी कोरिया के सैनिकों को यह प्रशिक्षण दिया जाता है की शवों से खाद किस तरह बनाया जाये और शवों को कितनी दुरी पर दफनाया जाये जिससे फैसले उपजाऊ बन सके। आपको बता दे की यह महिला किसी तरह किम इल सून केचियॉन कैंप से निकल कर भागी हैं उसने यह जानकारी मानवाधिकार समिति (HRNK) को दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में बताई।
 

 
HRNK के कार्यकारी निदेशक ग्रेग स्कारलेटिउ ने कहा कि तानाशाह किम जोंग उन ने क्रूरता की हदें पर कर दी हैं। यह बेहद निंदनीय है कि अपने राजनीतिक कैदियों के शवों का अंतिम संस्कार करने करने के बजाये उससे सैनिकों के लिए खाद बनाई जा रही है। उन्होंने आगे कहा की किम जोंग उन ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी है। जानकारी हो की छोटे-मोटे अपराधों के लिए यहां  कैदियों को भेजा जाता है और उनके साथ दिल दहला देने वाला  अमानवीय बर्ताव किया जाता है। यह कैंप राजधानी प्योंगयांग से करीब 80 किलोमीटर दुरी पर उत्तर में स्थित है। 
 
आपको बता दे कि उत्तरी कोरिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर तरफ से अलग-थलग पड़ा हुआ है। लगातार पिछले एक महीने में चार परीक्षण किये जाने से पूरी दुनिया नाराज है। कोरोनावायरस  के इस में दौर में भी किम जोंग उन के अपराध कम  होने का नाम नहीं ले रहा है।