NCP Chief Sharad Pawar rejected the demand for resignation of Nawab Malik, said – Arrest is politically motivated, being a Muslim, the name is being linked to Dawood
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मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) के खिलाफ एक महिला द्वारा लगाए गए बलात्कार (Rape) के आरोपों को गंभीर बताते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर चर्चा करके शीघ्र फैसला करेगी। पवार ने एनसीबी द्वारा मादक पदार्थों से जुड़े एक मामले में राकांपा नेता नवाब मलिक (Navab Malik) के दामाद की गिरफ्तारी का संदर्भ देते हुए कहा कि संबंधित लोगों को एजेंसी के साथ सहयोग करना चाहिए।

राकांपा प्रमुख ने कहा कि मलिक के खिलाफ कोई निजी आरोप नहीं लगा है। पवार ने पत्रकारों से कहा कि मुंडे ने बुधवार को उनसे भेंट करके आरोपों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उनके (मुंडे) खिलाफ लगे आरोप गंभीर हैं। ऐसे में हमें इस मुद्दे पर पार्टी में चर्चा करनी होगी। मैं अपने महत्वपूर्ण सहयोगियों के साथ इसपर विस्तार से चर्चा करुंगा और उन्हें विश्वास में लूंगा।” उन्होंने कहा, ‘‘उनके विचार जानने के बाद आगे कदम उठाया जाएगा। हम यह यथाशीघ्र करेंगे।”

मुंडे ने संवाददाताओं से कहा कि उनके इस्तीफे के मामले में पवार और पार्टी के अन्य नेता फैसला लेंगे। गायक बनने की इच्छुक 37 वर्षीय महिला ने 10 जनवरी को मुंबई के पुलिस आयुक्त को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि 2006 में मुंडे ने उसके साथ बार-बार बलात्कार किया। महिला ने दावा किया कि उसने पहले ओशिवरा थाने में शिकायत दी थी लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया।

बीड़ जिले से राकांपा नेता मुंडे ने आरोपों से इंकार करते हुए दावा किया है कि महिला और उसकी बहन उन्हें ब्लैकमेल कर रही है। मुंडे (45) ने कहा कि महिला का दावा उन्हें ब्लैकमेल करने की साजिश का हिस्सा है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि वह महिला की बहन के साथ प्रेम संबंध में थे और उनके दो बच्चे भी हैं।

मुंडे ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि उनकी पत्नी, परिवार और मित्रों को इस संबंध के बारे में पता था और उनके परिवार ने दोनों बच्चों को स्वीकार भी किया है। उन्होंने कहा कि जिस महिला के साथ उनके संबंध थे, वह 2019 से ही उन्हें ब्लैकमेल कर रही है। उन्होंने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी और बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर उनके खिलाफ मानहानिकारक सामग्री के वितरण पर रोक लगाने की मांग की थी।