बिहार की शराब बंदी ढोल में मोल

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    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीशकुमार (Nitish Kumar) ‘सुशासन बाबू’ कहलाते हैं लेकिन कोई जरूरी नहीं कि उनकी सरकार का हर फैसला सही और प्रभावी हो. उन्होंने बिहार (Bihar) में शराब बंदी लागू की लेकिन क्या इससे राज्य यमें शराब की खपत घटी या लोगों ने नशा करना छोड़ा? पड़ोसी राज्यों से तथा नेपाल से बिहार में शराब की तस्करी (Liquor Trade) होती है. इससे लोग चोरी छुपे ज्यादा दाम पर शराब खरीदते हैं और दूसरी ओर बिहार सरकार को राजस्व का भी नुकसान होता है.

    नीतीशकुमार का नशामुक्त बिहार बनाने का स्वप्न कितना पूरा हो पाया? विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इस मुद्दे पर नीतीश कुमार सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि बिहार में आज सबसे ज्यादा मुनाफेवाला व्यापार शराब का हो गया है. नीतीशकुमार के कैबिनेट मंत्री समसूरत राय के स्कूल से शराब की बरामदगी हुई है. उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? तेजस्वी ने यहां तक कह दिया कि बिहार में असली शराब माफिया कोई है तो वह नीतीशकुमार हैं. उनकी पार्टी के 64 फीसदी विधायक दागी हैं जिन पर दुष्कर्म, अपहरण जैसे संगीन आरोप हैं. नीतीशकुमार जानबूझकर अनजाने बने रहते हैं.