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    मुंबई. कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मरीजों (Patients) के लिए बीएमसी (BMC) ने होम आइसोलेशन (Home Isolation) के लिए नई गाइडलाइंस (New Guidelines)जारी की है। बीएमसी ने बीते वर्ष जुलाई में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस में संशोधन किया है। अब जारी की गईं नई गाइलाइंस में बहुत हल्के/ प्री-सिम्प्टोमैटिक/ एसिम्प्टोमैटिक मरीजों के अलावा विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त और बिना लक्षणवाले कोरोना संक्रमित बुजुर्गों को भी डॉक्टरों के परामर्श पर होम आइसोलेशन की अनुमति दी गई है।

    इतना ही नहीं जो मरीज इम्यून संबंधित परेशानी जैसे एचआईवी, डायबिटीज, हृदयरोग, कैंसर से जूझ रहे हैं, उन्हें भी होम आइसोलेशन की इजाजत दी गई है। इन मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति उनका उपचार कर रहे डॉक्टरों (Doctors) के परामर्श (Consultation) के बाद दिया जाएगा।

    ये है नई गाइडलाइंस

    • बहुत हल्के या बिना किसी लक्षण वाले वो लोग जिन्हें कोई दूसरी बीमारी नहीं है, होम आइसोलेशन में रहते हुए इलाज करवा सकते हैं, लेकिन इसके लिए डॉक्टर की इजाजत लेनी होगी।
    • होम आइसोलेशन के लिए घर में रहने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए, साथ ही परिवार के सदस्यों के लिए भी क्वारंटाइन की जगह होनी चाहिए।
    • जो कोरोना मरीज अन्य किसी बीमारी जैसे एचआईवी या फिर कैंसर से पीड़ित हैं,वह होम आइसोलेशन में  रह सकते हैं। 
    • 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग और डायबिटीज, हाईपर टेंशन, हार्ट, कैंसर, किडनी और फेफड़ों से संबंधित बीमारी वाले लोगों का इलाज करने वाले चिकित्सा अधिकारी द्वारा उचित मूल्यांकन के बाद ही होम आइसोलेशन की मंजूरी मिलेगी।
    • मरीज को अपने स्वास्थ्य की निगरानी करने के लिए सहमत होना होगा और नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की स्थिति को अपने संबंधित वॉर्ड वॉर रूम के अधिकारी को सूचित करना होगा, ताकि वह आगे की सुविधा प्रदान कर सकें।
    • मरीज को सेल्फ-आइसोलेशन के लिए अंडरटेकिंग भरना होगा और होम आइसोलेशन के सभी नियमों का पालन करना होगा। इसके साथ ही इलाज करने वाले डॉक्टर को ये पूरी तरह से सुनिश्चित करना होगा कि मरीज के लिए सेल्फ आइसोलेशन ठीक है या नहीं।
    • फोन कॉल्स के दौरान अगर किसी मरीज को बुखार 100 डिग्री से अधिक हो, ऑक्सीजन की मात्रा 95 से कम हो, सांस लेने में दिक्कत हो तो इन्हें फौरन कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाए।
    • होम आईसोलेशन मरीजों के घर के बाहर क्वारंटाइन बोर्ड होना चाहिए और इसकी जानकारी संबंधित सोसाइटी और वहां के निवासियों को होनी चाहिए। सभी आवश्यक निर्देशों का पालन न करनेवाले मरीजों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।