औरंगाबाद. लोगों की जान जाने के बाद वेंटिलेटर (Ventilator) हल्के दर्ज होने की बात मानेंगे? यह सवाल मराठवाडा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधायक सतीश चव्हाण (MLA Satish Chavan) ने सोशल मीडिया (Social Media) के माध्यम से करते हुए केन्द्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। पीएम केयर फंड (PM Care Fund) से सरकारी घाटी अस्पताल को दिए गए वेंटिलेटर का उन्होंने हाल ही में वहां दौरा कर जायजा लिया था।
बता दें कि पीएम केयर फंड से मराठवाडा के सबसे घाटी अस्पताल को 150 वेंटिलेटर दिए गए थे, परंतु यह वेंटिलेटर हल्के दर्ज के है, इसका इस्तेमाल कोरोना मरीजों के लिए बेहतर रुप से नहीं हो पा रहा है। वेंटिलेटर आयसीयू कक्ष में लगाने के दर्ज के नहीं है, इसको लेकर एक रिपोर्ट घाटी अस्पताल ने इसको लेकर नियुक्त किए विशेषज्ञ डॉक्टरों की समिति ने दी है। यह रिपोर्ट सामने आने के बाद केन्द्र के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दखल ली। लेकिन, घाटी के विशेषज्ञ डॉक्टरों के समिति ने प्रत्यक्ष वेंटिलेटर का दौरा कर रिपोर्ट तैयार की। यह रिपोर्ट झूठी की केन्द्र के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया हुआ बयान झूठा? यह सवाल विधायक चव्हाण ने उपस्थित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में नहीं, बल्कि पंजाब, राजस्थान में पीएम केयर फंड से दिए गए वेंटिलेटर दोषपूर्ण व बिन कार्य के निकले।
गुजराती कंपनी पर ही मोदी सरकार मेहरबान क्यों है?
गुजराती कंपनी पर ही मोदी सरकार मेहरबान क्यों है? यह सवाल विधायक चव्हाण ने उपस्थित किया। मेक इन इंडिया के नाम पर क्या लोगों की जान ली जाएगी। यह सवाल भी चव्हाण ने केन्द्र सरकार से पूछा।