इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के टॉप न्यूज़ एंकर (News Anchor) और पत्रकार हामिद मीर (Hamid Mir) को सोमवार को चैनल ने अपने लोकप्रिय टॉक शो की एंकरिंग से ऑफ़ एयर कर दिया। उनपर इस रोक की वजह मीर द्वारा हाल ही में एक साथी पत्रकार पर हमले (Attack on Journalist) के सिलसिले में दिए गए बयान को बताया जा रहा है। अपने इस बयान में मीर पाकिस्तानी आर्मी की आलोचना करते हुए नज़र आए थे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मीर ने हाल ही में पाकिस्तानी पत्रकार असद तूर पर अटैक के खिलाफ पत्रकारों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में एक उग्र भाषण दिया था और हमले में सरकार से जवाबदेही तय करने की मांग की थी। इसके बाद मीर को न्यूज़ चैनल द्वारा छुट्टी पर भेज दिया गया है।
Nothing new for me.I was banned twice in the past.Lost jobs twice.Survived assassination attempts but cannot stop raising voice for the rights given in the constitution.This time I m ready for any consequences and ready to go at any extent because they are threatening my family. https://t.co/82y1WdrP5S
— Hamid Mir (@HamidMirPAK) May 31, 2021
मीर पाकिस्तान के न्यूज़ चैनल जिओ टीवी पर ‘कैपिटल टॉक’ के नाम से प्राइम टाइम शो होस्ट करते हैं। मीर ने उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने को ट्वीटर पर उनके लिए कोई नई बात नहीं बताया है। उन्होंने अपने खिलाफ लिए गए एक्शन को आवाज़ दबाने की कोशिश बताया और कहा कि वे इन परिणामों के बावजूद भी अपनी आवाज़ उठाते रहेंगे। मीर पर अचानक लिए गए एक्शन की पुष्टि करते हुए उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मेरे लिए ये कुछ नया नहीं है। मुझे इससे पहले भी दो बार प्रतिबंधित किया गया था। मैंने पहले दो बार नौकरी भी खोई है। मैं संविधान में दिए गए अधिकारों के लिए आवाज उठाना बंद नहीं करूँगा। इस बार मैं किसी भी परिणाम के लिए तैयार हूं और किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हूं, क्योंकि वे मेरे परिवार को धमकी दे रहे हैं।
Pakistani journalist Hamid Mir exposes Pakistan Army and ISI for attacking journalists across Pakistan. Journalists came out to protests after journalist Asad Ali Toor was attacked by Pakistan Army goons. Lies and deception of Pak Army out in open. pic.twitter.com/uAg4TuVGET
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) May 29, 2021
मीर पर लिए गए एक्शन को लेकर पत्रकार संगठनों और अन्य लोगों ने इसे गलत बताया है और उनपर ऐसी कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने भी इस कदम की निंदा की है। लेकिन अब तक पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ओर से अब तक इस मामले में कोई बयान सामने नहीं आया है।