ST BUS
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    मुंबई. कोरोनाकाल में लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से एसटी (ST) का यातायात राज्य भर में बंद होने के कारण परिवहन निगम को भारी घाटा झेलना पड़ा है। पिछले 5 महीने से राज्य के कोने-कोने  में एसटी बसें (ST Buses) फिर शुरू हुईं, परन्तु स्कूल-कॉलेज (School- College) और अन्य कार्यालय बंद होने से यात्री आवागमन को गति नहीं मिली। गणेशोत्सव (Ganeshotsav) में राज्य परिवहन निगम ने राज्य भर एसटी की ज्यादा बसें शुरू की, जिसका फायदा भी हुआ,पर अब फिर से पितृपक्ष शुरू हो जाने से अगले 15 दिनों तक एसटी की आय पर असर होने वाला है। इसे देखते हुए कम बसें चलाई जाएं, जिससे अनावश्यक खर्चों पर रोक लगेगी। ऐसा परिपत्र निगम की तरफ से जारी किया गया है। 

    निगम के अधिकारियों का मानना है कि पितृपक्ष में ज्यादातर लोग यात्रा करना टालते हैं, इसलिए अनावश्यक बसों का यातायात न हो, ऐसे निर्देश दिए गए है। गणेश उत्सव के दौरान राज्य के मुंबई, पालघर, रायगड, रत्नागिरी, सिन्धुदुर्ग, ठाणे, नाशिक, धुले, जलगांव, अहमदनगर, पुणे, कोल्हापुर , सांगली, सातारा, सोलापुर, औरंगाबाद, बीड, जालना, लातूर, नांदेड, उस्मानाबाद, परभणी, नागपुर, भंडारा, चंद्रपुर, वर्धा, अकोला , अमरावती, यवतमाल, बुलढाणा, गढ़चिरोली  इन इलाकों में जादा बसें शुरू की गई थी।

    लगातार बढ़ रहा घाटा

    पितृपक्ष के दौरान यात्रियों की कमी को देखते हुए परिवहन निगम ने डीजल, बसों की देखरेख आदि खर्चों को कम करना चाहता है। वैसे भी एसटी का घाटा 5 हजार करोड़ के ऊपर जा चुका है। कर्मचारियों के वेतन के लिए राज्य सरकार पर निर्भर होना पड़ता है। निगम के अधिकारियों का मानना है कि पितृपक्ष के दौरान कम बसें दौड़ेंगी तो इतर खर्च पर रोक लगेगी।