Nagpur High Court
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    • वकीलों ने की प्रक्रिया पूरी करने की मांग 
    • 2,500 से अधिक एसोसिएशन के सदस्य
    • 1,850 वैध सदस्य मतदाता

    नागपुर. कोरोना संकटकाल के कारण भले ही कुछ दिनों तक हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव टलते रहे हों लेकिन अब कोर्ट की गतिविधियां और वकीलों की आवाजाही सामान्य होने से लंबे समय से अटके यह चुनाव कराने की मांग कुछ वकीलों की ओर से होने लगी है. उल्लेखनीय है कि कोरोना संकटकाल में भी 12 मार्च को सोशल डिस्टेसिंग के अनुसार चुनाव कराने की मंशा जताई गई थी किंतु कोरोना की दूसरी लहर अधिक तीव्र होने के कारण और सदस्यों के विरोध के चलते इसे टाल दिया गया. जानकारों के अनुसार समय-समय पर चुनाव समिति और एचसीबीए के पदाधिकारियों के बीच मंथन के बाद चुनाव प्रक्रिया काफी आगे बढ़ जाने का हवाला देकर निर्धारित समय में ही इसे कराने के संकेत दिए जा रहे थे किंतु यह संभव नहीं हो पाया. अब कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह नियंत्रण में है जिससे चुनाव प्रक्रिया पूरी होने की आशा वकीलों द्वारा जताई जा रही है. 

    भरे जा चुके हैं नामांकन

    उल्लेखनीय है कि चुनाव समिति की ओर से वैध नामांकन की घोषणा की गई थी जिसके अनुसार अध्यक्ष पद के लिए 4 वकील सदस्य मैदान में हैं. इसी तरह उपाध्यक्ष के लिए भी 4 प्रत्याशी मैदान में हैं. एचसीबीए में उपाध्यक्ष के 2 पद हैं, जबकि कार्यकारी सदस्य के 9 पद हैं. इसके अलावा अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, सहसचिव, लाइब्रेरी इंचार्ज का 1-1 पद है. सचिव पद के लिए केवल 2 नामांकन पत्र भरे जा चुके हैं. इसी तरह कोषाध्यक्ष के लिए भी केवल 2 नामांकन भरे गए, जबकि सहसचिव के लिए 3 सदस्यों ने पर्चा भरा हुआ है. कार्यकारी सदस्य के 9 पदों के लिए 26 वकील सदस्यों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं. बताया जाता है कि हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य तो 2,500 से अधिक हैं लेकिन चुनाव के लिए वैध मतदाता केवल 1,850 ही हैं.

    अब प्रचार करने का भी मिलेगा मौका

    कुछ वकीलों का मानना है कि अब चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशियों को प्रचार करने का भी पूरा मौका मिलेगा. पहले कोरोना के चलते केवल ऑनलाइन प्रचार का ही विकल्प उपलब्ध था किंतु अब सदस्यों के घरों तक प्रत्याशी जा सकेंगे. इसके अलावा पहले की तरह ही रणनीति तैयार करने के लिए तथा मतदाताओं को लुभाने के लिए पार्टियां भी हो सकेंगी. माना जा रहा है कि जल्द ही समिति की ओर से इस संदर्भ में विचार-विमर्श हो सकता है. कोर्ट के गलियारों में इसे लेकर हो रही चर्चा को देखते हुए नामांकन पत्र भर चुके प्रत्याशी भी सक्रिय होने लगे हैं.