नयी दिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार, तमिलनाडु सरकार में वित्त मंत्री पीटीआर पालनिवेल थिअगा राजन (PTR Palanivel Thiagarajan) को बीते गुरुवार को चेन्नई एयरपोर्ट (Chennai Airport) पर एक साथ दो लैपटॉप (was carrying two laptops) ले जाने के चलते सुरक्षाकर्मी ने उन्हें रोक लिया था। हालाँकि, किसी भी एयरपोर्ट पर दो या उससे अधिक लैपटॉप ले जाने को लेकर कोई भी बंदिशें या नियम फिलहाल नहीं है।
इधर एयरपोर्ट पर CISF कर्मी द्वारा वित्त मंत्री को रोके जाने के बाद एयरपोर्ट के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि भी कर दी है कि CISF(Central Industrial Security Force) (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) कर्मी और मंत्री जी के बीच का मामला सिर्फ गलतफहमी के चलते हुए और बाद में मामले को बड़े ही आसानी से सुलझा लिया गया है।
#TamilNadu Finance Minister Palanivel Thiagarajan (@ptrmadurai) on Thursday faced a peculiar situation at the #Chennai airport.
He was stopped by the Central Industrial Security Force (CISF) official for carrying two laptops.
Photo: IANS (File) pic.twitter.com/pZwxIoEFL6
— IANS Tweets (@ians_india) September 30, 2021
इस घटना पर अगर वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो उक्त मामला दरअसल जांच के दौरान का है जब सुरक्षाकर्मी ने मंत्री पीटीआर पालनिवेल थिअगा राजन से उनका बैग खोलकर लैपटॉप को एक सामान्य जांच प्रक्रिया की भांति ट्रे में रखने को कहा था। इसके चलते मंत्री जी के मुताबिक उन्हें यही प्रतीत हुआ कि सुरक्षाकर्मी के अनुसार वह दो लैपटॉप के साथ हवाई यात्रा नहीं कर सकते हैं। उन्हें अपना एक लैपटॉप वहीं रखना होगा। इसके बाद मामले का अधिकारियों द्वारा तुरंत निबटारा कर लिया गया। इसके साथ ही अधिकारियों ने यह भी साझा किया कि किसी भी व्यक्ति द्वारा कितना भी सामान हवाई यात्रा के दौरान ले जाने पर फिलहाल कोई रोक नहीं है।
एयरपोर्ट प्रशासन के पास पहले भी आई थी ऐसी शिकायत
हालाँकि इस मामले में दोनों (मंत्री और सुरक्षाकर्मी) के बीच जानकारी का अभाव रहा था। हालाँकि इसके पहले भी एयरपोर्ट प्रशासन के पास ऐसी सूचना और शिकायत आ चुकी हैं कि सुरक्षा में तैनात CISF सुरक्षाकर्मी सिर्फ हिंदी ही बोलते और समझते हैं। उन्हें तमिल बोलनी या समझनी बिल्कुल भी नहीं आती जिससे स्थानीय लोगों को उनसे बात करने में बहुत ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं लोगों के अनुसार यदि यहाँ पर तैनात CISF कर्मी तमिल भाषा में बातचीत करने लगे तो स्थानीय लोगों को भी इनसे संपर्क साधने में आसानी रहेगी। शायद भाषा का यही अभाव भी वित्त मंत्री और CISF कर्मी के बीच गलतफहमी उत्पन्न होने का एक प्रधान कारण हो सकता है। ऐसा भी कहा जा रहा है।