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    ठाणे : म्हाडा हाउसों (MHADA Houses) को मिलने वाला लाभ भविष्य में एक बड़ी चुनौती होगी। लेकिन फिर भी, एक घर का मालिक होना अभी भी औसत व्यक्ति की पहुंच से बाहर है। यही कारण है कि म्हाडा की अवधारणा अब हर गांव में लागू की जाएगी, आवास मंत्री (Housing Minister) जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) ने घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब म्हाडा “जहां गांव वहां म्हाडा” (Jahan Gaon Wahan MHADA) के कार्ययोजना पर काम कर रही है। 

    आव्हाड ने कहा कि म्हाडा के 8900 घरों के लिए आये ढाई लाख आवेदनों से जाकर हमें पता चला कि आज किस प्रकार आम आदमी को घर की छत की जरूरत है। इसलिए, ऐसे आम लोगों के लिए घरों को साकार कारण म्हाडा के लिए भविष्य में एक बड़ी चुनौती है। इसलिए म्हाडा के माध्यम से रायगढ़ के महाड़ में ध्वस्त गांवों के स्थल पर 600 वर्ग फुट के 261 मकानों का निर्माण किया जा रहा है।

    पक्के मकान का सपना पूरा होने वाला है

    ठाणे के वर्तक नगर क्षेत्र में म्हाडा के माध्यम से 1200 घर उपलब्ध होंगे। इनमें से 400 घर 500 वर्ग फुट के होंगे और पुलिस के लिए होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बचे हुए मकानों की लॉटरी भी निकाली जाएगी। इसके अलावा नवी मुंबई में आईटी सेक्टर बढ़ रहा है, जहां झुग्गियां ज्यादा हैं। अब एसआरए योजना का विस्तार ठाणे जिले तक कर दिया गया है। इसलिए, यदि नवी मुंबई में मलिन बस्तियों का पुनर्विकास किया जाता है और उसी स्थान पर आईटी क्षेत्र को स्थान उपलब्ध कराया जाता है, तो नागरिकों को उनके घरों के पास नौकरी के अवसर भी मिलेंगे, इसलिए उन्होंने संबंधित विभाग को इस पर विचार करने का सुझाव दिया। साथ ही आव्हाड ने मोतीलाल नगर में 146 एकड़ का प्लॉट उपलब्ध कराया गया है और वहां भी इसका विकास संभव होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पत्रा चाली का पुनर्विकास भी अब शुरू हो गया है। जो कि वहां के रहिवासियों के लिए पक्के मकान का सपना पूरा होने वाला है। 

    म्हाडा के माध्यम से जगह विकसित करना सुविधाजनक होगा

    राज्य के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने यह भी सुझाव दिया कि विक्रोली स्थित नगर, टैगोर नगर आदि में भवनों के सामूहिक पुनर्विकास किया जाएगा। जिससे आने वाले दिनों में यहां के लोगों को अस्पताल, स्कूल, व्यायामशाला, सड़कें और अन्य ढांचागत सुविधाएं मुहैया हो पाएगी। साथ ही आव्हाड ने ठाणे जिले में के डोंबिवली, कल्याण, अंबरनाथ, बदलापुर, घोड़बंदर आदि में 25 एकड़ तक भूमि उपलब्ध कराई जाती है, तो म्हाडा के माध्यम से जगह विकसित करना सुविधाजनक होगा। इसके लिए उन्होंने नगर विकास मंत्री और जिला पालकमंत्री से संबधित विभाग द्वारा बैठक कराने और तत्काल निर्णय लेने की अपील भी की है।