स्ट्रेस रिलीजर भी होता है फेशियल: पूनम भैसारे

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    कहते हैं कि सीखा हुआ आर्ट और हुनर कभी बर्बाद नहीं जाता। इस बात को साबित किया है पूनम नेचुरोपैथी एंड ब्यूटी क्लिनिक की संचालक ब्यूटीशियन पूनम भैसारे ने। नवभारत के ‘बी ब्यूटीफुल’ उपक्रम में बात करते हुए पूनम ने कहा कि 14 साल की उम्र में छुट्टियों में कुछ क्रिएटिव सीखने के लिए ब्यूटी पार्लर का बेसिक कोर्स किया था। उसके बाद पढ़ाई-लिखाई में लग गई। कुछ समय बाद पारिवारिक परिस्थितियों के चलते काम करने की जरूरत महसूस हुई।

    उस वक्त मेरा यही हुनर काम आया। इस दौरान कई ब्यूटी पार्लर में काम किया जहां बहुत कुछ सीखने को भी मिला। फिर शहर के प्रोफेशनल ब्यूटी सलून जैसे बेलेजा, चरिश्मा, वीएलसीसी में अपनी सेवाएं दीं। शादी के बाद खुद का वेंचर स्टार्ट किया जिसे 15 साल हो चुके हैं। ब्यूटी क्लिनिक के अलावा रोजगार कल्याण केंद्र व एमसीटीईबी में महिलाओं के लिए संचालित ब्यूटी पार्लर कोर्स में बतौर ब्यूटी ट्रेनर प्रशिक्षुओं को ट्रेनिंग देने का कार्य करती हूं।

    ब्यूटी ट्रीटमेंट व ट्रेनिंग के अलावा पूनम अपने ब्यूटी क्लिनिक में एकेडमी का भी संचालन करती हैं। उनसे ट्रेनिंग प्राप्त कई स्टूडेंट्स आज शहर के प्रतिष्ठित सलून में बतौर प्रोफेशनल अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पूनम कहती हैं, मेरी एकेडमी में कई ऐसे स्टूडेंट्स होते हैं जिनके पास संसाधनों की कमी होती है, इसलिए मैं अपने पास के ब्यूटी प्रोडक्ट उपयोग करने देती हूं ताकि उन पर इन सब चीजों के खरीदने का प्रेशर न पड़े।

    ब्यूटी पार्लर कोर्स महिलाओं के लिए रोजगार का अच्छा साधन है। इसकी ट्रेनिंग जरूरत पड़ने पर अपने पैरों पर खड़ा होने के काम आती है, इसलिए मैं अपने स्टूडेंट्स को हमेशा सलाह देती हूं कि ट्रेनिंग के बाद आप छोटे लेवल पर ही अपना काम जरूर शुरू करें। आप द्वारा किया गया काम और आपका नेचर ही आपको इस फील्ड में नाम व पहचान दिलाता है।

    पूनम खास तौर पर फेशियल के लिए जानी जाती हैं। पूनम के पास 80 प्रकार के फेशियल्स किए जा सकते हैं। पूनम का कहना है कि किसी भी महिला को पार्लर में वक्त बिताना बहुत पसंद होता है क्योंकि खुद को पैंपर करने व थोड़ा रिलैक्स होने का इससे अच्छा कोई तरीका नहीं होता। फेशियल केवल स्किन को ग्लोइंग और शाइनी ही नहीं बनाता, बल्कि आपके स्ट्रेस को भी कम करता है, जिसके बाद उन्हें फ्रेश महसूस होता है। जानते हैं पूनम से फेशियल के बारे में कुछ खास बातें…

    स्किन टाइप क्या होता है?

    फेशियल करने से पहले आपको अपना स्किन टाइप जरूर मालूम होना चाहिए। स्किन टाइप से ही फेशियल से जुड़े प्रोडक्ट को यूज करने की जानकारी मिलती है। अगर स्किन को ध्यान में न रखा जाए तो स्किन संबंधी समस्या हो सकती है, इसलिए स्किन टाइप के अनुसार ही फेशियल किट का सेलेक्शन करना चाहिए। मुख्य रूप से 4 तरह की स्किन टाइप होती है- ऑइली स्किन, ड्राय स्किन, नॉर्मल स्किन और सेंसेटिव कॉम्बिनेशन स्किन। स्किन टाइप के अनुसार फेशियल किट व तरीके होते हैं जिससे परफेक्ट ग्लोइंग व शाइनी स्किन पा सकते हैं।

    ड्राई स्किन के लिए किस तरह का फेशियल होना चाहिए?

    ड्राई स्किन में ग्लो नहीं दिखता। ड्राई स्किन वाली महिलाओं की मसाज नरिशिंग क्रीम से की जाती है। अल्ट्रासोनिक मशीन से किया गया फेशियल ज्यादा बेनिफिट देता है। इन्हें विटामिन-ई युक्त फेशियल करना चाहिए, जिससे स्किन ग्लोइंग और चमकदार बनती है। ड्राई स्किन में सनटैन भी बहुत जल्दी हो जाता है इसलिए ऐसी स्किन वालों को हमेशा सनस्क्रीन का यूज करना चाहिए।

    ऑइली स्किन के लिए किस तरीके का फेशियल यूजफुल होता है?

    ऑइली स्किन में पिंपल होने की समस्या ज्यादा होती है, साथ ही ऑइल की वजह से मेकअप भी उतर जाता है। इन्हें ज्यादा केयर की जरूरत होती है। जिनकी स्किन ऑइली होती है, उन्हें मॉइश्चराइजर या क्रीम से मसाज की सलाह नहीं दी जाती। इन्हें जेल बेस्ड नरिशमेंट क्रीम से हाईफ्रिक्वेंसी मशीन का मसाज इफेक्टिव होता है। ऑइली स्किन वालों को ज्यादा पानी पीना चाहिए।

    नॉर्मल स्किन में किस तरह के फेशियल की जरूरत होती है?

    नॉर्मल स्किन, बेस्ट टाइप की स्किन मानी जाती है। यह न तो ड्राई होती है, न ही ऑइली होती है। इस टाइप की स्किन वालों को किसी भी तरह का फेशियल सूट करता है। इनकी स्किन मौसम के अनुसार ढल जाती है। इन्हें गैल्वेनिक मशीन से नार्मल फ्रिक्वेंसी से फेशियल कराना चाहिए। इससे उनके फेस पर एक्स्ट्रा ग्लो दिखेगा।

    कॉम्बिनेशन-सेंसेटिव स्किन पर फेशियल में किस तरह सावधानी बरतनी चाहिए?

    इस तरह की स्किन को किसी भी अन्य टाइप की स्किन के मुकाबले बड़ी सावधानी से ट्रीट किया जाता है क्योंकि यह दोनों ही रूखी व ऑइली टिशू से बनी होती है। इसकी स्किन पर किसी भी प्रकार का ब्यूटी प्रोडक्ट लगाने से उनकी स्किन तुरंत रिएक्ट कर देती है। यह बेहद डेलिकेट मानी जाती है, इसलिए स्क्रबिंग भी नहीं कर सकते हैं। ऐसी स्किन पर नेचुरल फ्रूट फेशियल करना इफेक्टिव होता है या इन्हें डॉक्टर रिकमेंडेड फेशियल करवाना चाहिए। एरोमा फेशियल भी इनके लिए यूजफुल हो सकता है। ऐसी स्किन को धूप में कवर करके रखना चाहिए।

    ग्रोइंग गर्ल्स में पिंपल्स की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में उन्हें अपनी स्किन का ख्याल कैसे रखना चाहिए?

    ग्रोइंग गर्ल्स में पिंपल्स की प्रॉब्लम कापी कॉमन है। उनके लिए पीलिंग फेशियल बेस्ट है। यह एक नेचुरल थेरेपी है, जिससे कम उम्र में भी स्किन को कोई नुकसान नहीं होगा। इसके लिए समान मात्रा में उड़द और मसूर की दाल को पीसकर पाउडर तैयार करें। यूज करने के 15 मिनट पहले 2 चम्मच पाउडर को दही में मिलाकर ढंक कर रख दें। दही उतना ही हो जिससे पाउडर पूरी तरह से कवर हो जाए। 15 मिनट बाद इसको मिक्स कर चेहरे पर एक मोटी परत जैसे लगा लें।

    15 मिनट तक इसे लगाए रखें। फिर हल्के हाथों से मसाज कर ठंडे पानी से फेस को धो लें। इससे पिंपल्स व ओपन स्किन पोर्स की समस्या का समाधान भी होता है, साथ ही दही से फेस में ग्लो भी आ जाता है। कम पिंपल वालों को महीने में एक बार, ज्यादा पिंपल प्रॉब्लम वाले महीने में 2 बार ये ट्रीटमेंट लें।