197 teachers' December salary halted
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    मुंबई: भविष्य में शिक्षक  (Teachers) बनने का ख्वाब रख रहे विद्यार्थियों (Students) के लिए अच्छी खबर है। टीचर बनने के लिए अब 5 वर्ष की जगह 4 वर्ष ही लगेंगे। शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने चार वर्षीय इंटिग्रेटड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) को अधिसूचित कर दिया है। यानी इस कार्यक्रम के तहत टीचिंग के क्षेत्र में करियर (Career) बनाने वाले विद्यार्थियों को एक साथ दो डिग्री मिलेगी। 

    वर्तमान में टीचिंग प्रोफेशन के लिए विद्यार्थियों को 3 साल की डिग्री हासिल करनी होती है, उसके बाद उन्हें 2 वर्ष पढ़ाई कर बीएड की डिग्री लेना अनिवार्य होता है। यानी इस पूरी प्रकिया में 5 साल लग जाते हैं। नई व्यवस्था में वह ग्रेजुएशन और बीएड की पढ़ाई एक साथ कर सकेंगे और उसे 5 साल की जगह 4 साल में पूरा कर पाएंगे। इसके जरिए छात्र-छात्राओं को बी.ए. बी.एड./बी.एस.सी. , बी.एड. और बी.कॉम. बी.एड. की ड्यूल बैचलर डिग्री एक साथ मिल जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि विद्यार्थी 12 वीं पास करने के बाद ऐसे पाठ्यक्रम में सीधे प्रवेश ले सकेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में इस तरह के पाठ्यक्रम की सिफारिश की गई। शुरूआत में यह पाठ्यक्रम पायलट स्तर पर 50 संस्थानों में चलाया जाएगा। लेकिन 2030 से शिक्षकों की भर्ती आईटीईपी के माध्यम से की जाएगी।

    एनसीईटी के तहत प्रवेश

    नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा (एनसीईटी) के जरिए इस पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा।एनसीटीई ने नए पाठ्यक्रम के तहत इतिहास, गणित, विज्ञान, कला, अर्थशास्त्र या वाणिज्य जैसे विशेष विषयों के पाठ्यक्रम इस तरह डिजाइन किया है कि टीचिंग में डिग्री के साथ-साथ दूसरे विषयों में भी डिग्री मिल जाएगी।  चार वर्षीय आईटीईपी की शुरुआत शैक्षणिक सत्र 2022-23 से होगी। 

    टीचिंग प्रोफेशन से जुड़ने की इच्छा रखने वालों के लिए अच्छी खबर है, लेकिन राज्य में अभी तक न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लागू ही नहीं किया गया है। अब राज्य इस पॉलिसी को अमल में लाएगा या खुद कोई पॉलिसी बनाएगा पता नहीं। राज्य में पहले से ही शिक्षकों नौकरी और ठीक तनख्वाह नहीं ऐसे में कौन यह प्रोफेशन लेगा पता नहीं।

    -सुभाष मोरे, कार्याध्यक्ष, शिक्षक भारती संघ