छठ पूजा में अगर हुई ये गलतियां, तो हो सकता है भारी नुकसान, पढ़ें और रहें सावधान

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    -सीमा कुमारी

    दिवाली के बाद आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja) शुरू हो जाता है। यह त्योहार चार दिनों तक मनाया जाता है। इस साल ‘छठ पूजा’ 10 नवंबर बुधवार को है। यह पर्व उत्तर भारत सहित देश के विभिन्न हिस्सों में पारंपरिक विधि-विधान के साथ मनाया जाता है। कठिन नियम-निष्ठा के कारण छठ को सबसे बड़ा पर्व माना जाता है।

    इस त्योहार पर छठी मैया और सूर्यदेव की उपासना की जाती है। छठ के त्योहार पर महिलाएं परिवार की सुख-समृद्धि और सुहाग व संतान की लंबी उम्र की कामना के साथ 36 घंटे निर्जला व्रत रखती हैं। यूं तो भारतीय सभ्यता में कई सारे व्रत होते हैं लेकिन छठ पूजा के व्रत को कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, क्योंकि इस व्रत से जुड़े नियम बहुत ही कठिन होते हैं। छठ पूजा के दौरान कुछ बातों का बहुत ध्यान रखना होता है तभी पूजन को सफल माना जाता है। आइए जानते हैं वे गलतियां जिन्हें भूलवश भी छठ पूजन के दौरान नहीं करना चाहिए।

    मान्यताओं के मुताबिक, छठ पर्व के दौरान पूरे दिनों तक व्रती समेत पूरे परिवार को प्याज और लहसुन आदि का भोजन में सेवन नहीं करना चाहिए।

    जो व्रती छठ पूजा का व्रत रखते हैं, उन्हें अपशब्द और अभद्र भाषा नहीं बोलनी चाहिए। व्रत के चारों दिन लड़ाई नहीं करना चाहिए। यदि कोई लड़ाई कर रहा है तो उस जगह से दूर चले जाएं। अपने मन को शांत और अधिक से अधिक सकारात्मक ऊर्जा से भरकर रखना है। दिनभर मन ही मन छठी मैया और सूर्यदेव की उपासना करना है। किसी से किसी की बुराई करना भी वर्जित है।

    छठ पूजा का प्रसाद हमेशा ऐसा स्थान पर बनाना चाहिए। जहां रोजमर्रा में खाना नहीं बनता हो।

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, सूर्य को अर्घ्य देने वाले पात्र का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। कभी भी चांदी, स्टील, शीशा और प्लास्टिक के बने बर्तनों से अर्घ्य नहीं देना चाहिए।

    छठ पूजा के चारों दिन इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे पूजा के किसी भी सामान को बिना हाथ धोए नहीं छूएं और यदि वे ऐसा कर देते हैं, तो फिर उस सामाग्री को उपयोग में न लें। बच्चे प्रसाद खाने की जिद करते हैं, पर यह आपको ध्यान रखना होगा कि जब तक छठ का पर्व संपन्न नहीं हो जाता है तबतक बच्चे प्रसाद को जूठा न कर पाएं। 

    व्रती महिलाओं पूरे चार दिन पलंग या चारपाई पर भूलकर भी न सोएं। व्रत के दौरान जमीन पर कपड़ा बिछाकर सोना चाहिए।