fake liquor
प्रतीकात्मक तस्वीर

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    पुसद. यवतमाल जिले में अतिदुर्गम क्षेत्र में खंडाला पुलिस थाना कार्यरत है, इसके तहत शेंबालपिंपरी समेत लगभग 42 गांव आते है.जो मालपठार के ईलाके में व्याप्त है.इन दिनों खंडाला थानाक्षेत्र में जगह जगह वरली मटके अडडे खुलेआम चल रहे है, तो दुसरी ओर अवैध शराब की बिक्री जोरों पर है.

    इन मामलों में खंडाला पुलिस थाना के अधिकारी, कर्मचारी को लेकर उदासिन बने हुए है.थानाक्षेत्र के बेलोरा, रोहडा,हनवतखेडा,पांढूर्णा, हिवलणी,सावरगांव,ईसापूर, शेंबाळपिंपरी में वरली मटका व्यवसाय जोरों पर है. इसके अलावा मालपठार के हर गांव में लगभग 15 से 20 छोटी छोटी गावठी शराब भटटीयां हर दिन जल रही है, इसके चलते अनेक गांवों के नागरिकों के परिवार बर्बादी की कगार पर पहूंचते दिख रहे है.

    प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले खंडाला पुललिस थानाक्षेत्र के बीट जमादार अवैध धंदो पर नियंत्रण के लिए कार्य करते थे, किंतु नए सिरे से नियुक्त हुए थानेदार बालाजी शेंगेपल्लु ने मनमानी कर बीट जमादारों के अधिकार सिमित करते हुए एक निजी व्यक्ती को इन अवैध व्यवसायों से वसुली का ठेका देने की चर्चा पुलिस थानाक्षेत्र में जारी है.

    खंडाला पुलिस थाने के अधिकारी ने एक तरह से अवैध व्यवसायों को मुकसम्मती दे रखी है, यह निजी व्यक्ती माहुर निवासी है, इसके जरीए थानेदार अनुचित तरीके से पैसों की वसुली कर रहे है, एैसी चर्चा आम नागरिकों में है.प्राप्त जानकारी के मुताबिक कुछ दिनों पुर्व एक रेततस्कर का ट्रैक्टर पकडा गया था, लेकिन उससे डेढ लाख रुपए लेकर वाहन छोड दिया गया.

    एैसी भी दबी आवाज में चर्चा हो रही है.थानेदार शेंगेपल्लु खंडाला थाने में नियुक्त हुए तब से चोरी,खून, बलात्कार, जैसे गंभीर अपराधों में वृध्दी हुई है, परिसर में मटका, जुआअडडा, अवैध गावठी शराब आसानी से उपलब्ध है, जिससे ग्रामीण ईलाकों के नागरिक इन लत का शिकार हो रहे है.इन सभी बातों को ध्यान में लेकर जिला पुलिस अधिक्षक द्वारा व्यक्तीगत तौर पर ध्यान देकर ग्रामीण जनता को इन अवैध व्यवसायों से बचाएं, एैसी मांग नागरिक कर रहे है.

    सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, थानेदार शेंगेपल्लु की कार्यप्रणाली से खुद पुलिस कर्मचारी भी त्रस्त हो चुके है, थानेदार खुद मालपठार के गांवों में दुपहिया से जाकर अवैध धंदेवालों से आर्थिक सांठगांठ करते है, एैसी बात नागरिक दबे स्वर में कहते दिख रहे है, इन बातों पर पुलिस अधिक्षक द्वारा अपने स्तर पर जांच कर संबंधित थानेदार को समझाने और जरुरत पडने पर कारवाई की अपेक्षा नागरिकों द्वारा जतायी जा रही है.