Nashik Municipal Corporation

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    नाशिक : राज्य सरकार (State Government) ने कोविड संक्रमण (Covid Infection) से मरने वाले नागरिकों (Citizens) के परिजनों को 50 हजार रुपए की मदद उपलब्ध करने की बात कहीं है। इसके बाद नाशिक महानगर पालिका (Nashik Municipal Corporation) प्रशासन ने कोरोना संक्रमण से मरने वाले नागरिकों की जानकारी संकलित कर जिलाधिकारी कार्यालय के पास सौंपी है।

    पंजीकरण के अनुसार नाशिक शहर में 4 हजार 10 लोगों की मौत कोरोना के कारण होने की जानकारी सामने आई। पोर्टल सहित सिटी स्कैन मशिन पर हुए पंजीकरण को संज्ञान में लेने पर मृतकों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। शहर में कोरोना संक्रमण तेज होने से तत्कालिन स्थिति में अधिक संख्या में मौत होने की बात स्पष्ट हुई थी, लेकिन महानगरपालिका प्रशासन ने नागरिकों में दहशत निर्माण होने की संभावना से असल में कितने मरीजों की मौत हुई, इसके आंकड़ों का खुलासा नहीं किया था।

    इस वर्ष के जनवरी में कोरोना संक्रमण नियंत्रित होने का चित्र था, लेकिन फरवरी में कोरोना मरीजों की संख्या में और वृद्धि हुई। मार्च महिने में देश के प्रथम 10 शहरों में नाशिक पाचवें स्थान पर रहा। मुस्लिम, ईसाई सहित भगवान महादेव को अपना आरध्य मानने वाले लिंगायत समाज, नाथपंथी, गोसावी समाज में दफनविधी होता है. कुछ हिंदू धर्मियों में अग्नीसंस्कार किए जाते है। कोविड के कारण विद्युतदाहिनी और गैस दाहिनी पर कोरोना बाधित शवों का अंतिम संस्कार करने की सूचना थी, लेकिन 8 घंटों से अधिक प्रतिक्षा समय होने के कारण प्रशासन ने लकड़ीयों पर शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए मंजूरी दी। इस दौरान लकड़ीयों पर जलाए गए मृतकों की संख्या पर अंदाज व्यक्त किया जा रहा था।

    लकड़ीयों पर शवों की संख्या

    एक शव पर अंतिम संस्कार करने के लिए 7 मण लकड़ीयों की आपूर्ति महानगरपालिका के माध्यम से की जाती है। 7 मण लकड़ी अर्थात 280 किलों लकड़ी एक अंतिम संस्कार के लिए खर्च होती है। एक से 15 अप्रैल के दमियान 612 टन के अनुसार यह 6 लाख 12 हजार किलो लकड़ी खर्च हुई। एक व्यक्ति के लिए 280 किलो लकड़ियां खर्च होने पर 6 हजार 1200 किलो लकड़ी का 2 हजार 186 मृतकों के लिए खर्च हुई, लेकिन इस पर प्रशासन ने मुहर नहीं लगाई. यह आंकड़े केवल हिंदू अंतिम संस्कार के है। महानगरपालिका ने मृतकों की संख्या सामने लाने में टालमटोल की। अंतिम संस्कार के बाद विभाग स्तर पर जन्म-मृत्यू विभाग में पंजीकरण किया जाता है। लेकिन कोरोना के दौरान यह आंकड़े सामने न आए, लेकिन अब राज्य सरकार ने आर्थिक  मदद उपलब्ध करने की बात कहने पर आंकड़ों को घोषित करना अनिवार्य किया गया है।

    मदद के लिए ऑनलाइन पोर्टल

    कोविड के कारण मौत हुए नागरिकों के परिजनों को राज्य सरकार ने 50 हजार रुपए मदद दी जाने वाली है। मदद के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। एक सप्ताह में पोर्टल तैयार होगा। इस पर पंजीकरण करना होगा। आवेदन प्रस्तूत होने पर उसकी जांच होगी। जांच में आवेदन खारीज होने पर फिर से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। शहर में 4 हजार 10 लोगों की मौत हुई है। यह, कोविड पॉजिटिव मृतकों के आंकड़े है। जिसमें वृद्धि होने की संभावना है।