Aurangabad will be seen in new form in 2022: Aastik Kumar Pandey

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    औरंगाबाद : कचरा वर्गीकरण (Garbage Classification) को लेकर शहर के जोन 4 और जोन 9  प्रथम तथा दूसरे स्थान पर है। जोन 4 में नागरिकों द्वारा 100 प्रतिशत कचरा वर्गीकरण किया गया है। वहीं, जोन 9 में प्रमाण 98 प्रतिशत है। कचरा वर्गीकरण में जोन 3 सबसे पिछे है। यह कचरे का वर्गीकरण करने का प्रमाण सिर्फ 12 प्रतिशत है। 

    औरंगाबाद (Aurangabad) में साप्ताहिक सफाई प्रिमियर लीग (Weekly Cleanliness Premier League) की 21 से 27 फरवरी के दरमियान सप्ताह की स्कोर की जांच की गई। उसमें सामने आई जानकारी के अनुसार शहर में 57.2 प्रतिशत वर्गीकरण स्तर दर्ज किया गया। शहर का  जोन क्र. 4  कचरा वर्गीकरण में अव्वल है। 100 प्रतिशत टार्गेट पूरा कर यह जोन प्रथम स्थान पर है। वहीं, 98 प्रतिशत टार्गेट पूरा कर जोन 9 दूसरे तथा 82 प्रतिशत सहित जोन 6 तिसरे स्थान पर है। जोन 3 में सिर्फ 12 प्रतिशत कचरे का वर्गीकरण स्तर होने से वह कुल 9 जोन में   सबसे निचले स्थान पर है। शहर से निकलने वाले करीब 1 हजार 5 टन गिले कचरा का वर्गीकरण किया गया। इसके अलावा गिला और सूखा कचरे का प्रमाण 1 हजार 1 टन इतना है। इस स्कोर के अनुसार जोन 4 और  9 को ए ग्रेड मिला है। साथ ही जोन 6 और 5  यानी बी, जोन 8,7,2 को सी, जोन 3 तथा 1 को डी ग्रेड प्राप्त हुआ है। जोन 3 का  वर्गीकरण स्तर सबसे चिंताजनक दिखाई दे रहा है। सफाई प्रिमियम लिग अंतर्गत सर्वेक्षण कर सीआरटी सिविक रिस्पॉन्स टीम और इकोत्सव ने यह आंकड़ा निकाला है।

    स्वच्छ सर्वेक्षण और माझी वसुंधरा अभियान में बेहतर रैंक प्राप्त करने के दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम है। महानगरपालिका कमिश्नर और स्मार्ट सिटी के सीईओ आस्तिक कुमार पांडेय के मार्गदर्शन में औरंगाबाद शहर स्वच्छ  सर्वेक्षण  2022-23 में स्वच्छ शहरों की सूची में टॉप 10 में लाने के लिए प्रयासरत है। वर्गीकरण स्तर बढ़ाने के लिए एक नियोजबद्ध कार्य करने का प्रयास किया जा रहा है। गत  दो साल में 100 प्रतिशत डोर टू डोर  ( घर घर जाकर)  कचरा जमा करने को महानगरपालिका प्रशासन ने सफलता पाई है। इसके अगले कदम के रुप में पूरे शहर में 100 प्रतिशत कचरे का वर्गीकरण हो, इसके लिए प्रयास जारी है। घनकचरा व्यवस्थापन विभाग प्रमुख और महानगरपालिका उपायुक्त सौरभ जोशी ने कहा कि जितना कचरे का वर्गीकरण स्तर बढ़ेगा। उतने  अधिक कचरे के  प्रक्रिया में वृध्दि होती है। जीरो कचरा निर्मिती और कचरा मुक्त शहर करने के लिए वर्गीकरण यह काफी महत्वपूर्ण कदम है। औरंगाबाद स्मार्ट सिटी मुख्यालय के कमांड और कंट्रोल सेंटर से निरीक्षण और ट्रैक्किंग की जा रही  है। 

    नागरिकों के सहकार्य बिना 100 प्रतिशत कचरे का वर्गीकरण  असंभव – आस्तिक पांडेय     

    हमारे द्वारा घनकचरा व्यवस्थापन को मजबूती देने के बावजूद नागरिकों के सहकार्य के बिना यह पूरा होना असंभव है। नागरिकों को कचरे का वर्गीकरण कर शहर को कचरा मुक्त बनाने के लिए प्रशासन को सहकार्य करने की अपील महानगरपालिका प्रशासक और स्मार्ट सिटी के सीईओ आस्तिक कुमार पांडेय ने की।