sand smuggling
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  • अंतरिम जमानत पर मुहर लगाने से इनकार

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नागपुर. रेत तस्करी के मामले में हिंगना थाने में दर्ज मामले में गत समय हाई कोर्ट की ओर से गिरफ्तारी पूर्व जमानत प्रदान की गई थी. गिरफ्तारी पूर्व जमानत को स्थायी करने के लिए ट्रक मालिक और ड्राइवर समेत कुल 8 लोगों ने अर्जी दायर की. इस पर लंबी सुनवाई के बाद न्यायाधीश अनिल किल्लोर ने पूरे मामले में पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत आवश्यक होने का हवाला देते हुए गिरफ्तारी पूर्व जमानत पर मुहर लगाने से साफ इनकार कर दिया. साथ ही अर्जी ठुकरा दी.

अभियोजन पक्ष के अनुसार 10 अगस्त 2021 को पुलिस पेट्रोलिंग के दौरान रेत से भरे ट्रकों की आवाजाही पकड़ी गई. जांच के दौरान मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित देवरी से जारी ट्रांजिट पास ट्रक ड्राइवर के पास होने का खुलासा हुआ. सादिक शाह, जावेद खान जमीर उल्ला खान, जुनैद अहमद मुज्जफर खान, गुलाम अहमद खान, अजाज हुसैन खान, मुदस्सीर नवाज मंजूर खान, चंद्रशेखर वनी और निसार अहमद आलम खान ने याचिकाएं दायर की थीं.

रायपुर के धमतरी घाट से उत्खनन

जांच के दौरान ट्रक ड्राइवरों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित धमतरी घाट से रेत उत्खनन कर लाई गई. एक ट्रक में जीपीएस सिस्टम होने से इसका खुलासा भी हुआ. महाराष्ट्र बॉर्डर को पार नहीं किए जाने की जानकारी भी चालकों की ओर से दी गई. रेत की आवाजाही करने वाले ट्रकों में जीपीएस सिस्टम की अनिवार्यता होने के बावजूद एक ट्रक छोड़कर अन्य में जीपीएस सिस्टम नहीं था जिससे हिंगना थाने में मामला दर्ज किया गया.

याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे अधि. इंगोले ने कहा कि सभी के पास वैध ट्रांजिट पास थे जिससे धोखाधड़ी का मामला नहीं बनता है. इस मामले में पुलिस को अपराध दर्ज करने का कोई अधिकार भी नहीं है. केवल तहसीलदार और उत्खनन अधिकारी को ही अपराध दर्ज कराने के अधिकार हैं. इसके अलावा ट्रांजिट पास से छेड़छाड़ भी नहीं की गई है जिससे याचिकाकर्ताओं की हिरासत की आवश्यकता नहीं है.

रेत चोरी का है पूरा मामला

सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधि. वीए ठाकरे ने कहा कि भले ही रेत रायपुर के धमतरी घाट से भरी जाने तथा महाराष्ट्र की सीमा में दाखिल नहीं होने का हवाला दिया जा रहा हो लेकिन जीपीएस सिस्टम से पूरे मामले का खुलासा हो रहा है. पूरा मामला रेत चोरी का है. यदि इससे सख्ती से नहीं निपटा गया तो ऐसे मामलों में वृद्धि हो सकती है जिसका पर्यावरण पर सीधा असर होगा. इसके अलावा चूंकि हाई कोर्ट का याचिकाकर्ताओं को संरक्षण प्राप्त है, अत:  जांच में सहयोग नहीं किया जा रहा है.

जांच अधिकारी की ओर से जो दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे, वे भी प्रस्तुत नहीं किए गए. सुनवाई के बाद सीडीआर का हवाला देते हुए अदालत का मानना था कि ट्रकों ने महाराष्ट्र राज्य की सीमा पार नहीं की थी जिससे ट्रकों में रायपुर के धमतरी घाट से रेत लाना संभव ही नहीं है. अत: ट्रकों में कहां से रेत भरी गई, इसकी सघन जांच जरूरी है.