ED की सक्रियता आघाड़ी सरकार की BJP से सीधी लड़ाई

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    महाराष्ट्र में ईडी की सक्रियता देखते हुए आम तौर पर यही धारणा बन रही है कि इसके पीछे केंद्र की बीजेपी सरकार और राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार के बीच हो रहा जबरदस्त राजनीतिक टकराव है. खास तौर पर इसी समय ईडी के छापे क्यों पड़ रहे हैं? 2017 में ‘पुष्पक बुलियन’ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. तब कंपनी के 21.46 करोड़ रुपए की संपत्ति पर आक्षेप जताया गया था. इस कंपनी का श्रीधर पाटनकर की साईबाबा गृह निर्माण प्रा.लि. से 30 करोड़ का व्यवहार होने की बात सामने आई थी. 2017 में युति सरकार होने से यह मामला रंग नहीं लाया क्योंकि तब बीजेपी व शिवसेना की सत्ता में भागीदारी थी.

    अब 2022 में जब मुंबई महापालिका के चुनाव निकट आ गए हैं, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साले श्रीधर पाटनकर के खिलाफ ईडी ने कार्रवाई करते हुए उनके 11 फ्लैट सील कर दिए हैं. इस संपत्ति का मूल्य करोड़ों रुपए बताया जाता है.

    माना जा रहा है कि मोदी सरकार ने जांच एजेंसियों को कार्रवाई की खुली छूट दी है और उसके निशाने पर महाराष्ट्र की आघाड़ी सरकार में शामिल एनसीपी और शिवसेना नेता हैं. यह भी कहा जा रहा है कि 10 वर्षों में देश में 1758 छापे मारे गए लेकिन 2005 के बाद से देश में केवल 23 मामलों में की गई जांच सजा के मुकाम तक पहुंच पाई. फिलहाल ईडी की कार्रवाई से ठाकरे परिवार के अलावा आघाड़ी सरकार के मंत्री भी तिलमिला गए हैं. राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक पहले ही जेल में हैं.

    मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में आघाड़ी सरकार के सभी मंत्रियों ने उनके प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त किया. मंत्रियों का कहना था कि केंद्रीय जांच एजेंसियों को जवाब देने के लिए अब बीजेपी नेताओं से बदला लेने का वक्त आ गया है. बीजेपी नेताओं को घेरने के लिए उनके खिलाफ पुख्ता सबूत तैयार कर पूरी तरह शिकंजा कसना होगा.

    राज्य की भ्रष्टाचार विरोधी इकाई व साइबर सेल को सक्रिय किया जा सकता है. आघाड़ी सरकार के निशाने पर विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, प्रवीण दरेकर और किरीट सोमैया हैं. फडणवीस पर नेताओं के फोन टेप करवाने का आरोप है. इस मामले में तत्कालीन पुलिस अधिकारी रश्मि शुक्ला से मुंबई पुलिस पूछताछ कर रही है. दरेकर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी हैसियत छिपाकर मजदूर के रूप में मुंबई सहकारी बैंक का चुनाव लड़ा था.