-अनिल चौहान
भायंदर: आवारा कुत्तों (Dogs) को मीरा-भायंदर महानगरपालिका (Mira-Bhayander Municipal Corporation) के उत्तन स्थित डंपिंग ग्राउंड (Uttan Dumping Ground) में मरने के लिए छोड़ रही है। इस तरह का आरोप जैसल पार्क चौपाटी कल्याण समिति ने किया है। समिति ने सोमवार को मौके पर जाकर भूख-प्यास से तड़पते बेजुबान जानवरों को खाना-पानी दिया।
गौरतलब है कि यह समिति लॉकडाउन के बाद से बेजुबान पशु-पक्षियों को निरंतर भोजन-पानी, दवा-उपचार कराती आ रही है। समिति के महासचिव नरेंद्र गुप्ता (Narendra Gupta) ने बताया कि उन्हें शिकायत मिल रही थी शहर से आवारा कुत्ता रहस्मयी ढंग से गायब हो रहे हैं। इसके पीछे की जब सच्चाई उन्हें पता चली तो खुद सन्न रह गए। वे और उनकी जीवदया टीम के सदस्य सुशील पोद्दार, डी.पी. जैन,संतोष कुचेरिया, सुमित अग्रवाल डंपिंग ग्राउंड पहुंचें तो वहां बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते बुरी हालत में मिले। कई कुत्ते मरे हुए पड़े थे। कारण भीषण गर्मी में उनके खाने-पीने और धूप से बचने के लिए वहां कुछ भी नहीं है।
अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए
गुप्ता ने कहा कि यह जीव विरोधी और अमानवीय कार्य है। यह तत्काल बंद और ऐसा करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके लिए आयुक्त दिलीप ढोले को उनकी टीम पत्र सौंपी है। उन्होंने मूक प्राणियों पर बर्बरता और क्रूरता के खिलाफ जीवदया प्रेमियों को लामबंद होकर आवाज उठाने का आव्हान किया है।
साजिश के तहत फैलाई जा रही अफवाह
मीरा-भायंदर महानगरपालिका के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विक्रम निराटले ने इस बारे में सफाई देते हुए कहा है कि मरम्मत के लिए डेढ़ माह से कुत्तों का नसबंदी केंद्र बंद हैं। इसलिए कुत्ते आवारा पकड़े ही नहीं जा रहे हैं। फिर उन्हें डंपिंग ग्राउंड में ले जाकर छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता है। वैसे हर डंपिंग ग्राउंड में कुत्ते रहते ही हैं। महानगरपालिका को बदनाम करने और उन्हें हटाने की साजिश के तहत यह अफवाह फैलाई जा रही है। इससे पहले कथित प्राणी प्रेमियों ने उन पर हमला भी किया था।