Ganeshotsav in Mumbai amid Corona crisis
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    पिंपरी: महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Maharashtra Pollution Control Board) ने प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) की गणेश मूर्तियों (Ganesh Idols) पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस क्रम में पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका पहले ही अपील कर चुका है कि कोई भी शहर में पीओपी की मूर्तियां न बनाएं। इस फैसले को सख्ती से लागू किया जाएगा। उसके बाद भी अगर कोई पीओपी की गणेश मूर्ति का निर्माण करता है, तो उसे स्टॉल नहीं लगाने दिया जाएगा। 

    पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस बारे में क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से की कार्रवाई की जाएगी।

    लगाया गया प्रतिबंध

    पीओपी की मूर्तियों के लिए रासायनिक रंगों का उपयोग किया जाता है। इससे बहुत अधिक जल प्रदूषण होता है। इसी खतरे को देखते हुए पीओपी की सभी तरह की मूर्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि, पीओपी मूर्तियां पर्यावरण के लिए घातक हैं, वजन में हल्की हैं, कम दर पर और कम समय में अधिक मूर्तियों का उत्पादन किया जाता है। इसलिए ज्यादातर कारीगर ऐसी मूर्तियों को पसंद करते हैं। 

    पीओपी की मूर्तियां होती हैं सस्ती

    जहां एक कुम्हार एक दिन में एक से दो मूर्तियां बनाता है। पीओपी में काम करने वाला एक कारीगर एक दिन में 20 से 30 मूर्तियां बनाता है। एक फुट की शाडु मिट्टी की मूर्ति 100 से 1200 रुपए में बिकती है। इस मूर्ति से किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है, जबकि पीओपी की एक फुट की मूर्ति 400 से 1000 रुपए में उपलब्ध है। इसलिए बहुत से लोग पीओपी की मूर्ति खरीदना पसंद करते हैं।

    कोरोना के चलते इस फैसले पर अमल नहीं हो सका

    कोरोना के दो साल बाद इस साल गणेशोत्सव धूमधाम से मनाए जाने की संभावना है। अगले माह में गणेशोत्सव मनाया जाएगा। शहर में विभिन्न गणेश मंडल गणेश की मूर्तियां स्थापित करते हैं। शहर में कई जगहों पर शादु की मूर्तियां पाई जाती हैं। हालांकि पीओपी की मूर्तियों की बिक्री सबसे ज्यादा रही। प्रदूषण नियंत्रण निगम ने दो साल पहले पीओपी की मूर्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन कोरोना के चलते इस फैसले पर अमल नहीं हो सका। इस साल से इसे सख्ती से लागू किया जाएगा। 

    महानगरपालिका प्रशासन पहले ही कर चुका है अपील 

    महानगरपालिका प्रशासन पहले ही अपील कर चुका है कि कोई भी पीओपी की गणेश प्रतिमा का उत्पादन न करें। इस फैसले को सख्ती से लागू किया जाएगा। उसके बाद भी यदि कोई पीओपी मूर्तियों का उत्पादन करता है तो महानगरपालिका की ओर से गणेश मूर्ति बिक्री स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, ऐसा पर्यावरण विभाग ने स्पष्ट किया है।