Awadh Bus Station

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    लखनऊ: यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के निर्देश पर उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में अब उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं वाले बस अड्डे (Bus Stations) बनाने की तैयारी है। इसके तहत प्रथम चरण में 16 जिलों के 24 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल (PPP Model) के तहत विकसित किया जाएगा। इन बस अड्डों में अंतरराष्ट्रीय स्तर की यात्री सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यहां आने वाले यात्रियों के खाने-पीने से लेकर वेटिंग रूम, रेस्ट रूम समेत तमाम अनेक सुख सुविधाओं का ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए अक्टूबर में टेंडर जारी कर दिए जाएंगे।       गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार यात्रियों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए बसों की संख्या बढ़ाई जा रही है, एसी बसों का बड़े पैमाने पर संचालन हो रहा है। ई-टिकटिंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। बस अड्डों का सुनियोजित विकास भी इसी दिशा में उठाया गया कदम है। 

    एयरपोर्ट जैसी मिलेंगी सुविधाएं  

    राज्य सड़क परिवहन निगम के एमडी संजय कुमार ने बताया कि बस अड्डों को अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं से लैस करने के लिए पीपीपी मॉडल के तहत पूरी प्लानिंग कर ली गई है। अक्टूबर में प्रथम चरण के तहत 16 जनपदों में 24 अड्डों को चिन्हित कर उन्हें विकसित करने के लिए टेंडर जारी कर दिए जाएंगे। इस प्रक्रिया के दूसरे चरण में 35 बस अड्डों को चुना जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप यह कदम उठाया जा रहा है, ताकि विभिन्न गंतव्यों की ओर जाने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट सरीखी सुविधाएं प्रदान की जा सकें। 

    मॉल की तरह होंगे विकसित 

    इस प्रक्रिया के तहत परिवहन विभाग बस अड्डों के लिए सिर्फ जमीन मुहैया कराएगा। उस पर प्राइवेट पार्टी बस स्टैंड बनाकर देगी। कुछ वर्षों तक यह बस अड्डे प्राइवेट पार्टी के पास लीज पर रहेंगे, जबकि मेंटीनेंस का जिम्मा भी पूरी तरह प्राइवेट पार्टी का रहेगा। परिवहन विभाग ने मेंटीनेंस के लिए 35 साल की अवधि तय की है। इसे जरूरत के लिहाज से आगे और भी बढ़ाया जा सकता है। बस अड्डे का 70 प्रतिशत एरिया खुला रहेगा, जहां बसों का संचालन होगा। वहीं सिर्फ 30 प्रतिशत हिस्से पर ही भवन का निर्माण होगा। इन भवनों को मॉल की तरह विकसित किया जाएगा। यहां यात्रियों के लिए ब्रांडेड सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी। तमाम फूड रिटेल चेन यहां मौजूद रहेंगे। खाने-पीने के साथ ही अन्य बड़ी खरीदारी की दुकानें भी रहेंगी। एस्केलेटर, लिफ्ट समेत तमाम अन्य सुविधाओं से इसे सुसज्जित किया जाएगा। 

     गुणवत्ता पर रहेगा फोकस 

    इस योजना के जरिए प्रदेश सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। पीपीपी मॉडल के तहत सरकार को सिर्फ जमीन मुहैया करानी है। यात्री सुविधाओं के लिए निर्माण से लेकर बाकी सभी जरूरी चीजों का प्रबंध व खर्च प्राइवेट पार्टी को करना होगा। जमीन पर भी सरकार को एक प्रतिशत डीएम सर्किल रेट के तहत लाभ मिलेगा। इसमें हर 3 साल में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। एमडी संजय कुमार के अनुसार, सरकार का पूरा फोकस गुणवत्ता पर है। गुणवत्ता अच्छी होगी तो यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। ज्यादा लोग रोडवेज की बसों से यात्रा करेंगे। वहीं इस क्षेत्र में निवेश भी बढ़ेगा। निवेश के लिए सरकार की ओर से कई तरह की रियायतें भी दी जाएंगी।