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    मुंबई: आर्थिक राजधानी मुंबई की ‘लाइफलाइन’ कही जाने वाली ईएमयू अथार्थ लोकल ट्रेन का स्वरूप पिछले 9 दशक में बदलता रहा, परंतु एक चीज नहीं बदली और वह है लोकल में भारी भीड़। मुंबई लोकल का 4 डिब्बों से शुरू हुआ सफ़र आज एसी लोकल ट्रेन तक पहुंच गया है। 

    एक तरफ मुंबईकर धीरे-धीरे एसी लोकल को स्वीकार रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ पिक आवर की गर्दी से परेशान यात्रियों को राहत के लिए अब 15 डिब्बे की लोकल की चलाने की मांग हो रही है।

    मध्य रेलवे पर मात्र 22 फेरी

    उल्लेखनीय है कि मध्य रेलवे की लोकल से रोजाना सर्वाधिक 40 लाख लोग यात्रा करते हैं। कोरोनाकाल ख़त्म होने के बाद भीड़ बढ़ी हैं। मध्य रेलवे के तीनों उपनगरीय कॉरिडोर पर कुल 1,810 सर्विस चलती हैं। इनमें 15 डिब्बे की मात्र 22 सर्विस मेन फ़ास्ट लाइन पर चलाई जा रही है, जबकि बाकी सभी 12 डिब्बे की लोकल चल रही हैं।

    मात्र 2 रेक उपलब्ध

    आम लोकल में बढ़ती भीड़ को देखते हुए 15 डिब्बे की ज्यादा लोकल चलाने की मांग यात्री संगठन करते रहे हैं।15 डिब्बे लोकल की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए मेन लाइन पर प्लेटफ़ॉर्म की लंबाई बढ़ाने का निर्णय भी लिया गया। वैसे मध्य रेलवे के पास 15 डिब्बे के मात्र 2 रेक ही उपलब्ध हैं। रेलवे आम लोकल रेक जगह एसी लोकल की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रही है, जबकि मुंबई के यात्री अभी भी आम लोकल में लटक कर यात्रा करने में ज्यादा सुकून महसूस करते हैं।

    पश्चिम रेलवे पर 15 कार 106 सर्विस

    पश्चिम रेलवे पर कुल 1,383 लोकल सर्विस चलती है। इनमें 106 फेरी 15 डिब्बा लोकल की होती है, जबकि 79 एसी लोकल सर्विस चलती है। पश्चिम रेलवे पर भी लगभग 33 से 35 लाख लोग रोजाना सफ़र करते हैं। इस रूट पर भी 15 डिब्बा लोकल के साथ और ज्यादा एसी लोकल चलाने की मांग हो रही है।

    कम पड़ रही 12 डिब्बे की लोकल

    रेल यात्री सेवा सुविधा संगठन के अध्यक्ष पारस नाथ तिवारी ने कहा कि मुंबई लोकल से रोजाना 75 लाख से ज्यादा लोग यात्रा करते हैं। यह मुंबई की लाइफलाइन है इसलिए इसे मजबूत करने पर पहले ध्यान दिया जाना चाहिए।15 डिब्बे की लोकल चलाने से ही आम लोगों को राहत मिल सकती है।

    2011 से सभी लोकल 12 डिब्बे की

    गौरतलब है कि यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 2011 से ही मेन लाइन पर सभी लोकल 12 डिब्बे की हुई। आज 11  साल बाद भी यात्रियों की संख्या बढ़ने के हिसाब से लोकल ट्रेनों की फेरियों में बढ़ोतरी नहीं हो सकी है। मेन लाइन पर 2012 में ही 15 डिब्बा लोकल शुरू हुई, परंतु 10 साल बाद भी इनकी फेरियां बढ़ नहीं सकीं हैं। मध्य रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तकनीकी रूप से 15 कार लोकल फ़िलहाल कल्याण तक फ़ास्ट ट्रैक पर चल सकती है।

    सफ़र होगा आसान

    एमआरवीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मुंबई लोकल ट्रेन में सफर आसान बनाने के लिए 2023 तक ज्यादा एसी ट्रेन लाई जाएगी। मेट्रो की तरह  मुंबई में एसी लोकल के लिए जरुरी डिजाइन, एयर सस्पेंशन सिस्टम पर जोर दिया जा रहा है। आने वाले 2-3 साल में एसी लोकल की सर्विस बढ़ने के साथ नॉन एसी लोकल की कुछ सेवाएं कम भी हो जाएंगी। मुंबई शहरी परिवहन परियोजना (एमयूटीपी) 3ए के तहत 238 एसी लोकल ट्रेनों की खरीद की योजना है।