नासिक : आदिवासी विभाग के अधिकारी के पास मिली लाखों की नकद, जिला अस्पताल के मेडिकल बिल में हेराफेरी, विभिन्न पुलिस जांच में मदद के लिए हुई रिश्वतखोरी (Bribery) के कारण नासिक के रिश्वतखोरी (Black Money) की पूरे राज्य में चर्चा रही। दिलचस्प बात यह है कि, विगत दस महीने में काली कमाई के मामले में पुलिसकर्मी (Policeman) सबसे आगे है।
इसके बाद राजस्व विभाग में सबसे अधिक रिश्वतखोरी रही। नासिक में रिश्वतखोरी के 110 मामले दर्ज किए गए हैं। साथ ही नासिक राज्य में भ्रष्टाचार के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंच गया। रिश्वत प्रतिबंधक विभाग (एसीबी) ने 2022 में अब तक राज्य भर में 627 सफलतापूर्वक कार्रवाई की। इनमें से 107 मामले नासिक विभाग के है। इसमें नासिक जिले की हिस्सेदारी 39, अहमदनगर 21, जलगांव 24, धुलिया 15 और नंदुरबार के 8 मामले शामिल है।
इस बीच, 2021 की तुलना में, नासिक विभाग में रिश्वतखोरी समान्य स्तर पर है। इससे यह स्पष्ट होता है की, सरकारी अधिकारियों को अपने काम में सुधार करने का सत्कर्म करने में कोई रुचि नहीं है। दूसरी ओर एसीबी लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन नासिक के इस ‘गिरते’ स्तर को संवारना उतना ही महत्वपूर्ण है। इसके लिए एसीबी के साथ विभाग के वरिष्ठें के माध्यम से भी ठोस कार्रवाई करनी भी उतना ही जरूरी है, लेकिन अनेक मामलों में वरिष्ठों के चेहरों पर कालिख पुती होने के कारण रिश्वतखोरी का यह संक्रमण कब नष्ट होगा, जिसे लेकर नागरिकों में आक्रोश देखने को मिल रहा है।
इस प्रकार है विभाग निहाय रिश्वतखोरी की जानकारी
विभाग | रिश्वत के मामले |
पुलिस | 27 |
राजस्व | 24 |
जिला परिषद | 14 |
महावितरण | 8 |
शिक्षण | 5 |
आदिवासी | 4 |
स्वास्थ्य | 3 |
लोक निर्माण, महिला और बाल कल्याण | 2 प्रत्येक |
पंजीकरण, वन, समाज कल्याण, भूमि अभिलेख | 2 प्रत्येक |
सहकार, आईटीआई, प्रदूषण नियंत्रण | 1 प्रत्येक |
नगर निगम, आबकारी, कृषि, राज्य बिक्री कर | 1 प्रत्येक |
ऊर्जा और श्रम, वजन और माप, अन्य | 1 प्रत्येक |