नई दिल्ली. आज जहां बाली में जी20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) की शुरुआत हो चुकी है। हालांकि, जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बाली रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा था कि, वह वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक समाधान करने में भारत की उपलब्धियों और इसकी मजबूत प्रतिबद्धता के बारे में भी बताएंगे।
At the @g20org Summit this morning, spoke at the session on Food and Energy Security. Highlighted India’s efforts to further food security for our citizens. Also spoke about the need to ensure adequate supply chains as far as food and fertilisers are concerned. pic.twitter.com/KmXkeVltQo
— Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2022
जी20 से अधिक अपेक्षा
वहीं आज उन्होंने अपनी संबोधन में कहा कि आज दुनिया को जी20 से अधिक अपेक्षाएं हैं। इसके साथ ही अब हम लोगों को यूक्रेन में जारी युद्ध को रोकने का रास्ता खोजना होगा। बीती सदी में द्वितीय विश्व युद्ध ने दुनिया में कहर बरपाया है। उस दौरान के नेताओं ने उसके बाद विश्व शांति के लिए गंभीर प्रयास किए थे। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 वैश्विक महामारी और यूक्रेन का जिक्र करते हुए वैश्विक स्तर पर चुनौतीपूर्ण वातावरण के बीच जी20 के नेतृत्व के लिए इंडोनेशिया की आज जमकर तारीफ भी की।
PM मोदी-भारत की ऊर्जा-सुरक्षा अहम
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, ‘वैश्विक विकास के लिए भारत की ऊर्जा-सुरक्षा अहम है। क्योंकि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “2030 तक हमारी आधी बिजली नवीकरणीय ऊर्जा से पैदा होगी। समावेशी ऊर्जा परिवर्तन के लिए विकासशील देशों को समयबद्ध और किफायती वित्त और प्रौद्योगिकी की सतत आपूर्ति आवश्यक है।”
फूड और एनर्जी सिक्योरिटी पर भी रहा फोकस
PM मोदी ने कहा, “आज सुबह G20 समिट में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर बात की। हमारे नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला। साथ ही खाद्य और उर्वरकों के लिए पर्याप्त आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में भी बताया।” उन्होंने कहा, ‘भारत में स्थायी खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए हम प्राकृतिक खेती पर जोर दे रहे हैं और अन्य पारंपरिक खाद्यान्नों के साथ-साथ बाजरा को और अधिक लोकप्रिय बना रहे हैं।” उन्होंने कहा कि, “अक्षय ऊर्जा में भारत की प्रगति के बारे में भी बात की।”
आज PM मोदी ने यह भी कहा कि, “हमें यह स्वीकार करने में संकोच नहीं करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संस्थान वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में असफल रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि, “मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्ध-विराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का तरीका तलाशना होगा।” उन्होंने कहा, “विश्व में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक कदम उठाना समय की मांग है।” अंत में उन्होंने कहा कि, “मुझे विश्वास है कि जब अगले साल बुद्ध और गांधी की धरती पर जी-20 की बैठक होगी, तो हम सभी एकसाथ विश्व को शांति का कड़ा संदेश देंगे।”
गौरतलब है कि, जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं। यह वैश्विक GDP का लगभग 85% औरे वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।