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    मुंबई: विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सोमवार को कहा कि उसने पिछले महीने पेरिस-नई दिल्ली उड़ान में यात्रियों के दुर्व्यवहार की दो घटनाओं को लेकर एअर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डीजीसीए के अनुसार पहली घटना में, नशे में धुत्त एक यात्री ने शौचालय में धूम्रपान किया और उसने चालक दल की बात नहीं सुनी।

    दूसरी घटना में, एक अन्य यात्री ने खाली सीट पर और एक महिला सहयात्री के कंबल पर तब पेशाब कर दिया, जब वह शौचालय गई थी। दोनों घटनाएं छह दिसंबर, 2022 को पेरिस-नयी दिल्ली उड़ान में हुईं। नियामक ने एक बयान में कहा कि डीजीसीए ने एअर इंडिया से पांच जनवरी 2023 को घटना की जानकारी मांगी, उससे पहले कंपनी ने कोई जानकारी नहीं दी थी।

    नियामक ने कहा कि कंपनी ने छह जनवरी को ईमेल के जरिए जवाब भेजा और उस पर गौर करने के बाद प्रथम दृष्टया यह पता लगा कि आपत्तिजनक आचरण करने वाले यात्रियों से निपटने से जुड़े प्रावधानों का पालन नहीं किया गया। नियामक ने यह भी कहा कि विमानन कंपनी ने जवाबी कार्रवाई करने में सुस्ती बरती और उसमें देरी भी हुई।

    महानिदेशालय ने एअर इंडिया के संबंधित प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया कि नियामक दायित्वों की अवहेलना के लिए क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। बयान में कहा गया है कि नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करते हुए, उन्हें अपना जवाब सौंपने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है और उस आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।

    इसमें कहा गया है कि उड़ान में यात्रियों के अनुचित या अभद्र व्यवहार के मामले में डीजीसीए के नियमों के तहत संबंधित एअरलाइन को विमान के उतरने के 12 घंटे के भीतर नियामक को सूचित करना होता है।  इसके अलावा, संबंधित एअरलाइन को तीन सदस्यीय आंतरिक समिति का गठन करना होगा।

    समिति अभद्र व्यवहार करने वाले यात्री पर 30 दिन के भीतर उड़ान प्रतिबंध की अवधि तय कर सकती है और आजीवन प्रतिबंध भी हो सकता है। नियमों के मुताबिक, समिति का निर्णय लंबित रहने के दौरान संबंधित एअरलाइन अभद्र व्यवहार करने वाले यात्रियों को 30 दिन तक के लिए उड़ान भरने से प्रतिबंधित कर सकती है।(एजेंसी)