नई दिल्ली/मुंबई. जहां एक तरफ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) हर दिन अपने बड़े बयानबाजी के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं। वहीं एक बार फिर धीरेंद्र शास्त्री बयानों को लेकर फिर चर्चा में आ गए हैं। दरअसल कुछ दिनों पहले धीरेंद्र शास्त्री ने साईं बाबा को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद देशभर में जमकर बवाल मचा है, उनके खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया गया था।
हालांकि बाद में अपने खिलाफ बढ़ते विवाद को देखते हुए अब उन्होंने अपने दिए हुए बयान पर माफी मांग कर इसे विराम देने की कोशिश की है। उन्होंने साफ़ कहा है कि, दरअसल किसी की भावना को ठेस पहुंचाना उनका जरा भी मकसद नहीं था।
मेरा हमेशा संतों के प्रति महापुरुषों के प्रति सम्मान है और रहेगा मैंने कोई एक कहावत बोली जो हम अपने संदर्भ में बोल रहे थे कि अगर हम छतरी पीछे लगाकर कहें कि हम शंकराचार्य हैं तो ये कैसे हो सकता है…हमारे शंकराचार्य ने जो कहा वो हमने दोहराया कि साईं बाबा संत फ़क़ीर हो सकते हैं और… pic.twitter.com/aHWnC0Leal
— Bageshwar Dham Sarkar (Official) (@bageshwardham) April 5, 2023
इस बाबत बाकायदा धीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयान पर ट्वीट कर माफी मांगते हुए कहा है कि “मेरा हमेशा संतों के प्रति महापुरुषों के प्रति सम्मान है और रहेगा मैंने कोई एक कहावत बोली जो हम अपने संदर्भ में बोल रहे थे कि अगर हम छतरी पीछे लगाकर कहें कि हम शंकराचार्य हैं तो ये कैसे हो सकता है, हमारे शंकराचार्य ने जो कहा वो हमने दोहराया कि साईं बाबा संत फक़ीर हो सकते हैं और उन में लोगों की निजी आस्था है। अगर कोई व्यक्ति किसी संत गुरु को निजी आस्था से भगवान मानता है वह उसकी निजी आस्था है, हमारा इसमें कोई विरोध नहीं। हमारे किसी शब्द से किसी के हृदय को ठेस पहुंची उसका हमें दिल की गहराइयों से दुख है और खेद है।”
उन्होंने यह भी कहा कि, देश में बहुत से लोगों की साईंबाबा में आस्था है, मैं उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता, लेकिन साईंबाबा संत या फकीर तो हो सकते हैं, लेकिन भगवान नहीं, उन्होंने विवादिता टिप्पणी करते हुए कहा कि, गीदड़ की खाल पहनकर कोई भी शेर नहीं बन सकता। बस उनके इस बयान के बाद ही साईं भक्तों की भावना आहत हुई, और पूरे देश में उनकी कड़ी आलोचना भी हुई। जिसके बाद अब धीरेंद्र शास्त्री ने माफी मांगी है, इसके साथ ही उन्होंने इस विवाद को अपनी तरफ से विराम देने की कोशिश की है।