Discom dues on power producers increased 63 percent to Rs 1.23 lakh crore

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नई दिल्ली. बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादकों का बकाया अप्रैल, 2020 में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 63 प्रतिशत बढ़कर 1.23 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इस क्षेत्र में दिक्कतों को दर्शाता है। बिजली कारोबार में पारदर्शिता के लिए तैयार किए गए पोर्टल ‘प्राप्ति’ के मुताबिक अप्रैल 2019 में बिजली उत्पादकों पर डिस्कॉम का बकाया 75,642 करोड़ रुपये था। इस पोर्टल की शुरुआत मई, 2018 में हुई थी, ताकि बिजली उत्पादकों और डिस्कॉम के बीच बिजली खरीद के लेनदेन में पारदर्शिता लाई जा सके।

प्राप्ति पोर्टल के मुताबिक अप्रैल, 2020 में कुल बकाया राशि, जो 60 दिनों की अनुग्रह अवधि के बाद भी चुकाई नहीं गई थी, बढ़कर 1,08,487 करोड़ रुपये हो गई। यह आंकड़ा पिछले साल की समान अवधि में 58,200 करोड़ रुपये था। आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के डिस्कॉम पर सबसे अधिक बकाया है।

बिजली उत्पादन कंपनियों (जेनकॉम) को राहत देने के लिए केंद्र ने एक अगस्त, 2019 से एक भुगतान सुरक्षा तंत्र लागू किया। इसके तहत डिस्कॉम को बिजली आपूर्ति पाने के लिए ऋण पत्र खोलने की जरूरत होती है। पिछले महीने सरकार ने डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की थी, जिसके तहत उन्हें पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन और आरईसी लिमिटेड से किफायती दरों पर कर्ज दिया जाएगा।(एजेंसी)