Ravi Krishnamurthy

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  • SBI लाइफ इंश्योरेंस के प्रेसिडेंट रवि कृष्णमूर्ति की ‘नवभारत’ से बातचीत

मुंबई. स्टेट बैंक समूह की जीवन बीमा कंपनी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस (SBI Life Insurance) देश में पहली निजी जीवन बीमा कंपनी है, जिसकी देश में 1,000 शाखाएं हो गयी हैं। कंपनी ने पिछले माह अपनी 1000वीं शाखा उत्तर प्रदेश के झुंसी में खोली है। इस तरह एसबीआई लाइफ पूरे देश में तेजी से विस्तार करते हुए हर नागरिक को बीमा उपलब्ध कराने के विजन में सक्रियता से अपनी भागीदारी देना चाहती है। साथ ही कंपनी अपनी सेवाओं को सर्वश्रेष्ठ और आसान  बनाने के लिए डिजिटलीकरण (Digitization) भी तेजी से कर रही है। इसी वजह से कंपनी की ग्रोथ भी तेज गति से हो रही है।

मार्च 2001 में परिचालन शुरू वाली एसबीआई लाइफ आज निजी जीवन बीमा क्षेत्र में 23% बाजार हिस्सेदारी और 26.7 बिलियन रुपए के व्यक्तिगत रेटेड प्रीमियम (IRP) के साथ सबसे आगे है। विस्तार योजना, डिजिटलीकरण और विकास रणनीति के संबंध में एसबीआई लाइफ के प्रेसिडेंट (परिचालन व आईटी) रवि कृष्णमूर्ति (Ravi Krishnamurthy) से ‘enavabharat’ के बिजनेस एडिटर विष्णु भारद्वाज की चर्चा हुई। बीमा और बैंकिंग उद्योग के दिग्गज रवि कृष्णमूर्ति को 39 वर्ष से अधिक का गहन अनुभव है और अपना अहम योगदान दे रहे हैं। पेश हैं चर्चा के मुख्य अंशः- 

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस पहली निजी बीमा कंपनी है, जिसने नेटवर्क विस्तार करते हुए 1,000 शाखाएं खोली है। जबकि शाखा परिचालन महंगा है। इसलिए अन्य कंपनियां बैंकएश्योरेंस चैनल पर ज्यादा फोकस करती हैं। ऐसे में आपका शाखा विस्तार के पीछे क्या उद्देश्य है?

इसका पहला कारण तो यह है कि लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री (Life Insurance Industry) में कस्टमर से पर्सनल टच (Personal Touch) होना जरूरी है। इंश्योरेंस में पॉलिसी बेचने से ज्यादा ग्राहक को लाइफटाइम सर्विस (Lifetime Service) देना महत्वपूर्ण है क्योंकि इंश्योरेंस एक लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रेक्ट है। इसलिए हमारा सर्विस पर विशेष फोकस है। ब्रांच (Branches) के जरिए कस्टमर से पर्सनल टच के साथ सर्विस देने में आसानी होती है। दूसरा कारण यह है कि भारत एक विशाल देश है, जहां सभी में बीमा जागरूकता (Insurance Awareness) लाने और उन्हें बीमा उपलब्ध कराने के लिए पूरे देश में पहुंच जरूरी है। आज युवा वर्ग तो डिजिटल (Digital) हो रहा है और ऑनलाइन इंश्योरेंस ले रहा है, लेकिन अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में उतनी जागरूकता नहीं है। वहां शाखा होना जरूरी है। इसलिए हम ऑफलाइन यानी ब्रांच नेटवर्क तथा ऑनलाइन, दोनों पर फोकस कर रहे हैं।

नियामक इरडा ने 2047 तक सभी को बीमा उपलब्ध कराने का विजन रखा है। इस विजन को पूरा करने में एसबीआई लाइफ किस तरह अपना योगदान देगी?

निश्चित रूप से एसबीआई लाइफ देश में बीमा जागरूकता बढ़ाने और सभी को बीमा उपलब्ध कराने के विजन को पूरा करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी। इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम एक तरफ पूरे देश में शाखाएं खोल कर लोगों तक पहुंच रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ डिजिटलीकरण तेजी से कर पेपरलेस (Paperless) हो रहे हैं और लोगों को घर बैठे सेवाएं दे रहे हैं। इससे टेक्नोसेवी युवा वर्ग तक पहुंच आसान हो रही है। हमारी खुद की 1,000 शाखाओं के अलावा हमारे बैंकिंग साझेदारों की 39,000 शाखाओं, जो देश के कोने-कोने में फैली हुई हैं, में भी एसबीआई लाइफ के इंश्योरेंस प्रोडक्ट (Insurance Plan) उपलब्ध हैं। इसके अलावा, हमारे डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में कुल 2।89 लाख से अधिक प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स हैं, जिन्हें हम लाइफ मित्र कहते हैं, जो देश भर में बीमा समाधान प्रदान करते हैं। इतना ही नहीं एसबीआई लाइफ 4 भाषाओं अंग्रेजी, हिंदी, मराठी और तेलुगु में 24×7 कस्टमर केयर सपोर्ट लॉन्च करने वाली पहली निजी जीवन बीमा कंपनी है। सभी को इंश्योरेंस उपलब्ध कराने के लिए एसबीआई लाइफ हर आय वर्ग की जरूरतों और उनके वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखकर विशिष्ट इंश्योरेंस प्लान प्रदान कर रही हैं। इससे हमें अपनी विकास गति बढ़ाने में मदद मिल रही है। 

विगत वर्षों में एसबीआई लाइफ ने तेजी से डिजिटलीकरण किया है। इसके क्या फायदे हुए हैं और आगे क्या योजना है?

डिजिटलीकरण से बहुत फायदे हुए हैं। ग्राहकों को भी आसानी से पूरी पारदर्शिता के साथ घर बैठे सेवाएं मिल रही हैं। स्टेट बैंक के ‘योनो’ (SBI Yono) एप से कोई भी ग्राहक टर्म पॉलिसी केवल 3 क्लिक में आसानी से ले सकता है। ‘योनो’ पर जल्द 10 और इंश्योरेंस प्लान उपलब्ध कराने की योजना है। यह उत्पाद 40 लाख रुपए तक का बीमा कवर प्रदान करता है। हमारे मोबाइल एप ‘एम. कनेक्ट’ (M।Connect) पर अंग्रेजी या भारतीय भाषाओं में पूरा फॉर्म डिजिटली भरा जाता है। फिर ग्राहक को बीमा पॉलिसी के पूरे विवरण का रिकॉर्डेड ऑडियो भेजा जाता है। यानी ग्राहक के पूर्ण संतुष्ट होने पर ही पॉलिसी जारी की जाती है। इस तरह पूरा प्रोसेस डिजिटली होता है। प्रीमियम पेमेंट भी ऑनलाइन होता है। साथ ही क्लेम या मैच्योरिटी राशि सीधे ग्राहक के बैंक खाते में जाती है। हम सुरक्षा, पारंपरिक, यूलिप और सेवानिवृत्ति श्रेणियों में ऑनलाइन उत्पादों की एक विविध श्रृंखला पेश करते हैं। हमारा फ्लैगशिप प्रोटेक्शन प्लान ‘ई शील्ड नेक्स्ट’ (SBI Life eShield Next) और पारंपरिक बचत ‘स्मार्ट प्लैटिना प्लस’ (SBI Life Smart Platina Plus) भी ऑनलाइन उपलब्ध हैं और सबसे ज्यादा बिकने वाले उत्पाद हैं।

टेक्नोसेवी ग्राहकों की सुविधा के लिए आपने क्या नए कदम उठाए हैं?

हमने ग्राहकों के लिए ‘स्मार्टकेयर एप’ (Sbi Life Smart Care App) लॉन्च किया है। इस एप पर ग्राहक अपनी पॉलिसी के फीचर, प्रीमियम पेमेंट, मैच्योरिटी सरेंडर वैल्यू, रिन्यूअल डेट सहित सभी जानकारी ले सकता है। आज हमारे हर साल 90.87 मिलियन ट्रांजेक्शन डिजिटली हो रहे हैं। डिजिटलीकरण के अगले चरण के तहत हमने हाल ही में फेसबुक पर मेटावर्स (lifeverse.sbilife.co.in) भी लॉन्च किया है, जो एक वर्चुअल ऑफिस है। मेटावर्स पर ग्राहक पूरी जानकारी ऑनलाइन ले सकता है। मेटावर्स पर जल्द फीचर बढ़ाए जाएंगे।

क्लेम सेटलमेंट आसान बनाने आपकी क्या योजना है?

जून 2023 तक हमारा क्लेम सेटलमेंट रेशियो (Claim  Settlement Ratio) इंडस्ट्री में काफी अच्छा यानी 97.6% रहा है और मिस सेलिंग रेशियो (Miss-Selling Ratio) 0.04% है, जो उद्योग में सबसे कम में से एक है। हमारा क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस पहले से ही काफी आसान है और हम क्लेम त्वरित सेटल करते हैं। यहीं नहीं, कहीं दुर्घटना होने पर हमारी नजदीकी शाखा के कर्मचारी या एजेंट तुरंत घटनास्थल पर पहुंच कर बीमाधारक का क्लेम सेटल कर पेमेंट करते है।