मुंबई. देश के ई-कॉमर्स क्षेत्र (E-commerce Sector) में विदेशी कंपनियों के बढ़ते वर्चस्व और इसे भारत के रिटेल व्यापारियों (Retail Traders) के लिए एक नासूर बताते हुए कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ सरकार से कार्रवाई की मांग को लेकर 15 नवम्बर से राष्ट्रीय महाभियान की शुरुआत करने की घोषणा की है।
इस अभियान के अंतर्गत एक डिजिटल रथ यात्रा ‘भारत व्यापार क्रान्ति रथ’ नाम से निकाली जाएगी।इसका निर्णय व्यापार महासंघ ‘कैट’ की राष्ट्रीय गवर्निंग काउंसिल की वाराणसी में हुई एक बैठक में लिया गया। जिसमें देश भर से शामिल हुए विभिन्न व्यापारी संस्थाओं के प्रमुख व्यापारी नेताओं ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि विदेशी कंपनियां देश के नियमों एवं कानूनों का खुला उल्लंघन कर रही है, लेकिन किसी भी सरकारी विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है, जो बेहद अफसोसजनक है।
नीति आयोग की आपतियां निरर्थक
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए नए नियम तो बना दिए, लेकिन उन्हें चर्चा कर लागू नहीं किया जा रहा है। जिससे यह साफ़ प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं कोई दबाव सरकार पर काम कर रहा है, जबकि इन विदेशी कंपनियों की अनैतिक व्यापारिक पद्धतियों से देश के करोड़ों व्यापारियों का व्यवसाय प्रभावित होता जा रहा है। कैट के प्रस्ताव में कहा गया है कि ऐसा लगता है देश के व्यापारियों की जगह विदेशी कंपनियों की चिंता ज्यादा हो रही है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण नीति आयोग द्वारा उठाई गई आपतियां निरर्थक हैं।
उपभोक्ता कानून के प्रस्ताव नियम तत्काल लागू करें सरकार
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया ने कहा कि बैठक में पारित एक अन्य सर्वसम्मत प्रस्ताव में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह किया गया कि आगामी 10 नवम्बर से पहले उपभोक्ता क़ानून के प्रस्तावित नियम विदेशी कंपनियों को चोर दरवाजा दिए बिना लागू किये जाएं, अन्यथा मजबूर होकर देश के व्यापारियों को एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ना पड़ेगा। बड़ी विदेशी कंपनियां वर्ष 2015 से ई-कॉमर्स नीति-नियमों का खुला उल्लंघन कर रही हैं, जीएसटी की वंचना कर रही है, उनके खाते अनेक प्रकार की अनियमितताओं से भरे पड़े हैं और अनेक बार शिकायतें करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यह आश्चर्य कि बात है, जबकि देश के व्यापारियों की दुर्दशा होती जा रही है।
उत्तर प्रदेश से होगी अभियान की शुरूआत
अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी निकट समय में नवरात्रि, दिवाली सहित विभिन्न त्यौहारों को देखते हुए यदि 10 नवम्बर तक नियम लागू नहीं होते हैं तो उसके तुरंत बाद देश भर में एक राष्ट्रीय अभियान छेड़ा जाएगा, जिसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से होगी। इस अभियान के अंतर्गत एक डिजिटल रथ ‘भारत व्यापार क्रान्ति रथ’ के रूप में देश के सभी राज्यों के प्रत्येक जिलों में चलाये जाएंगे और जनता को यह बताया जाएगा कि किस प्रकार बड़ी विदेशी कंपनियां देश के व्यापार एवं लघु उद्योग को अपना खत्म करने की साजिश कर रही हैं। कैट ‘भारत का व्यापार हमारा है, सम्पूर्ण क्रांति अब नारा है’ के तहत यह अभियान देश भर में चलाएगा।
अभियान के लिए राष्ट्रीय कमेटी का गठन
इस अभियान को देश भर में चलाने के लिए कैट के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रजमोहन अग्रवाल के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश से संजय गुप्ता, राजस्थान से सुरेश पाटोदिया, महाराष्ट्र से सचिन निवगुने, पश्चिम बंगाल से आर. पी. खेतान, मध्य प्रदेश से रमेश गुप्ता, उत्तर-पूर्वी राज्यों से प्रकाश बैद, गुजरात से प्रमोद भगत, जम्मू-कश्मीर से नीरज आनंद, तमिलनाडु से विक्रम राजा, पॉन्डिचेरी से एम. शिवाशंकर, बिहार से अशोक वर्मा, झारखण्ड से सुरेश सोंथालिया एवं छत्तीसगढ़ से जीतू दोषी इस कमेटी के सदस्य होंगे।