नवभारत डिजिटल डेस्क: अमेरिका को दुनिया का सबसे ताकतवर देश माना जाता है। अमेरिका में 50 राज्य शामिल हैं। अमेरिका को जो सबसे ताकतवर बनाता है वो है उसकी आर्थिक और सैन्य शक्ति है। अमेरिका से जुड़ी कई ऐसी चीजें है जो लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। यहां की नागरिकता लेने और बसने की उम्मीदें लिए कई देशों के लोग अमेरिका जा चुके हैं और कई जाने की कोशिश करते रहते हैं। लेकिन इस देश का नियम और कानून बेहद सख्त है। इसलिए सभी को मौका नहीं मिलता है।
जैसे हर देश कि राजधानी के पीछे एक किस्सा जुड़ा होता है। ठीक उसी तरह से अमेरिका की राजधानी ‘वाशिंगटन डी.सी.’ को लेकर कई किस्से हैं। दुनिया के सबसे शक्तिशाली और विकसित देशों में अमेरिका पहले स्थान पर है। जबकि अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी (Washington DC) पूरी दुनिया की सबसे शक्तिशाली राजधानी मानी जाती है, जो दुनिया भर की राजनीति का एक मुख्य केंद्र भी है। क्योंकि यहां से लिए गए फैसले पूरी दुनिया पर किसी न किसी तरह से असर जरूर डालते हैं। आइए जानते हैं कौन था वाशिंगटन और उनके सरनेम पर इस ताकतवर देश की राजधानी का नाम क्यों रखा गया?
अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन (George Washington) के नाम पर अमेरिका की वर्तमान राजधानी नाम रखा गया था। अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बनने वाले जॉर्ज वाशिंगटन का जन्म वर्जीनिया के ब्रिटिश उपनिवेश में 22 फरवरी 1732 में हुआ था। संयुक्त राज्य अमेरिका के पहले राष्ट्रपति के रूप में जॉर्ज वाशिंगटन ने 30 अप्रैल 1789 को पद की शपथ ली।
जॉर्ज वाशिंगटन आठ साल तक अमेरिका के प्रेसिडेंट रहें। जॉर्ज वाशिंगटन जब प्रेसिडेंट पद की जिम्मेदारी को निभा रहे थे उस वक्त देश की राजधानी न्यूयॉर्क सिटी हुआ करती थी। लेकिन उनका सपना था कि पोटोमैक नदी के किनारे नई राजधानी बनाई जाए। साल 1800 में राजधानी वाशिंगटन डीसी को बसाया गया। जिसके लिए वर्जीनिया और मैरीलैंड राज्यों से जगह ली गई।