First IAS-IPS
IAS सत्येन्द्रनाथ टैगोर और IPS चक्रवर्ती विजयराघव नरसिम्हन की फोटो

Loading

नवभारत डिजिटल डेस्क : हर स्टूडेंट्स का एक सपना होता है कि पढ़ाई के बाद उसे अपना ड्रीम जॉब मिल जाए। कुछ बच्चे पढ़ाई करके डॉक्टर तो कुछ इंजीनियरिंग का फिल्ड चुनते हैं तो कुछ सरकारी महकमे में बड़े अधिकारी बनने का ख्वाब बुनते हैं। सरकारी महकमे की बात करें तो हर साल लाखों स्टूडेंट्स IAS-IPS बनने का सपना लेकर परीक्षा की तैयारी करते हैं।

UPSC सिविल सेवा की परीक्षा क्लियर करना इतना सरल नहीं होता है, लेकिन एक बार जिसने भी क्लियर कर लिया वो आगे निकल जाता है। अक्सर ऐसे परीक्षा के दौरान कुछ ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जिनके बारे में काफी कम लोग ही जानते हैं। जैसे कि क्या आप जानते हैं कि भारत का सबसे पहला आईएएस-आईपीएस अधिकारी कौन था। अगर नहीं पता तो चलिए हम आपको बताते हैं उनके बारे में सबकुछ.. 

देश के पहले आईपीएस 

भारत के पहले IPS अधिकारी का नाम चक्रवर्ती विजयराघव नरसिम्हन था। सीवी नरसिम्हन का जन्म तमिलनाडु में 21 मई 1915 को हुआ था। उनकी शुरूआती पढ़ाई तिरुची के सेंट जोसेफ कॉलेज से हुई और उसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। साल 1937 में सीवी नरसिम्हन इंडियन सिविल सर्विस में जब जुड़े तो उस वक्त देश में अंग्रेजों का शासन था। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी जिम्मेदारी को निभाया। विजयराघव नरसिम्हन के काम को देखते हुए उन्हें साल 1946 में ब्रिटिश सरकार ने ‘ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर’ से नवाजा था। 

आजादी के बाद बने देश के पहले आईपीएस 

चक्रवर्ती विजयराघव नरसिम्हन ने अंग्रेजों के भारत छोड़ने के बाद साल 1948 में स्वतंत्र भारत के पहले IPS बैच में टॉप किया था। इसके बाद उन्होंने तमिलनाडु सरकार में पुलिस प्रमुख और भारत सरकार में सीबीआई के निदेशक के रूप में भी कार्य किया। भारत सरकार ने वर्ष 2001 में चक्रवर्ती विजयराघव नरसिम्हन को पद्म विभूषण से सम्मानित किया।

भारत के पहले आईएएस ऑफिसर

भारत में Civil Services Examination पास करने का रिकॉर्ड सत्येन्द्रनाथ टैगोर (Satyendranath Tagore) के नाम है। सत्येन्द्रनाथ टैगोर वर्ष 1863 में सिविल सेवा परीक्षा में सफल हुए और भारत के पहले IAS अधिकारी बने। देश के पहले IAS अधिकारी बने सत्येन्द्रनाथ टैगोर, रवीन्द्रनाथ टैगोर के भाई थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में सिविल सर्विस परीक्षा की शुरुआत अंग्रेजों ने साल 1854 में की थी।

उस समय परीक्षा देने वालों के लिए यह राह इतनी आसान नहीं थी। उस दौरान परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की उम्र 18 साल से 23 साल के बीच रखी गई थी। 1 जून 1842 को कोलकाता में जन्मे सत्येन्द्रनाथ टैगोर ने महज 21 साल की उम्र में Civil Services Examination उत्तीर्ण किया। जिसके बाद उन्हें प्रशिक्षण के लिए इंग्लैंड भेजा गया। IAS अधिकारी बनने के बाद भारत लौटे सत्येन्द्रनाथ टैगोर की पहली पोस्टिंग मुंबई, महाराष्ट्र में हुई और फिर उन्हें अहमदाबाद, गुजरात भेज दिया गया।