Singer SP Balasubrahmanyam is fine, shifted to ICU
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चेन्नई. पार्श्व गायक एस पी बालासुब्रमण्यम (SP Balasubramaniam) ने अपनी सुरीली आवाज से कई पीढ़ियों के दिलों पर राज किया। उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगू समेत विभिन्न भाषाओं में 40,000 से ज्यादा गाने गाए और कई पुरस्कार भी जीते । कोविड-19 से 74 साल की उम्र में बालासुब्रमण्यम का यहां एक अस्पताल में निधन हो गया।

उन्होंने तमिल और अपनी मातृभाषा तेलुगू, हिंदी समेत 16 भाषाओं में गाने गए । कई राष्ट्रीय और राज्यों के पुरस्कार के साथ ही पद्म श्री और पद्म भूषण से भी उन्हें नवाजा गया।

उन्होंने पांच दशक के अपने करियर में कई पीढ़ी के संगीतकारों के साथ काम किया और 40,000 से ज्यादा गाने गाए। बाद के दिनों में वह कई रियल्टी शो से भी जुड़े।

एस पी बालासुब्रमण्यम का पूरा नाम श्रीपति पंडिताराध्युला बालासुब्रमण्यम था। मोहम्मद रफी के गानों से प्रभावित बालासुब्रमण्यम ने हजारों सदाबहार गाने गाए । सभी तरह के गानों को उन्होंने अपनी आवाज दी, चाहे खुशी के नगमे हों या दर्द भरे गीत। उन्होंने 1966 में पहला गीत गाया था।

उन्होंने संगीत क्षेत्र में अपना मुकाम तब बनाया जब टी एम सुंदरराजन और पीबी श्रीनिवास जैसे गायकों का दबदबा था। वर्ष 1969 में एमजीआर अभिनीत ‘अदिमाईपेन’ में उनका गाया ‘अयराम निलावे वा’ बहुत लोकप्रिय रहा और उसके बाद वह बुलंदियों को छूते गए । शास्त्रीय गायन में औपचारिक प्रशिक्षण नहीं होने के बावजूद उन्होंने जिन ऊंचाइयों को छुआ , वहां तक कई प्रशिक्षित गायक भी नहीं पहुंच पाते हैं । उनका जन्म आंध्रप्रदेश के नेल्लौर में चार जून 1946 को हुआ था।

प्रख्यात संगीतकार इलैयाराजा समेत उनके कई दोस्त उन्हें प्यार से ‘बालू’ कहकर बुलाते थे। पिछले वर्षों में बालासुब्रमण्यम ने कई बार कहा था, ‘‘मैं सिनेमा जगत में कभी नहीं आना चाहता था। साठ के दशक में मैं एक इंजीनियर बनना चाहता था। चाहता था कि 250 रुपये वेतन मिले और मेरे पास एक जीप हो।”

चेन्नई में इंजीनियरिंग (एएमआईई) की शिक्षा के वक्त संगीत की स्पर्धा में प्रख्यात गायिका एस जानकी ने बालासुब्रमण्यम की प्रतिभा को पहचाना और उनसे कहा कि अगर उन्हें मौका मिले तो फिल्म जगत में उनका सुनहरा भविष्य होगा। उन्होंने ‘होटल रंभा’ नामक फिल्म में तमिल में अपना पहला गाना पार्श्व गायिका एल आर ईश्वरी के साथ ‘अतानोदू इप्पडी इरूंधु’ गाया था, लेकिन यह फिल्म प्रदर्शित नहीं हो पायी । वह मौका तलाशते रहे और उन्होंने ‘शांति निलयम’ और ‘आदिमाईपेन’ के लिए गाने गए ।

वर्ष 1969 में आयी दोनों फिल्मों के गाने हिट रहे। ‘शांति निलयम’ और ‘आदिमाईपेन’ के गानों के लिए तमिलनाडु सरकार से उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक के खिताब से नवाजा गया।

उन्होंने एम एस विश्वनाथन, इलैया राजा, ए आर रहमान समेत कई संगीतकारों के साथ काम किया और पी सुशीला, एस जानकी, वाणी जयराम और चित्रा समेत अन्य गायिकाओं के साथ युगल गाने भी गाए। बालासुब्रमण्यम को गानों के लिए छह राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।

हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने ‘एक दूजे के लिए’, ‘‘पहला-पहला प्यार है’ जैसे एक से बढ़कर एक गाने गाए जिनके श्रोता आज भी कायल हैं । इसके अलावा उन्होंने भक्ति गीत भी गाए ।

संगीतकार इलैयाराजा के साथ उनकी बहुत प्रगाढ़ दोस्ती थी। गायक के जे येसुदास के प्रति भी वह बहुत स्नेह रखते थे और उन्हें ‘गुरु’ कहकर पुकारते थे । वह अपनी गायन शैली में भी लगातार बदलाव लाते रहे और पिछले करीब 20 साल से कई रियल्टी म्यूजिक शो का हिस्सा बने। बालासुब्रमण्यम की बहन एस पी शैलजा भी गायिका हैं । बालासुब्रमण्यम के पुत्र चरण भी सिनेमा-संगीत क्षेत्र में सक्रिय हैं । (एजेंसी)