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    मुंबई: कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण से निपटने में समन्वय के लिए महाराष्ट्र (Maharashtra) भेजे गए केंद्रीय दल (Central Team) ने पाया है कि सतारा (Satara), सांगली (Sangli) और औरंगाबाद (Aurangabad) जिले में रोकथाम उपाय मानक से कम हैं। केंद्र द्वारा राज्य सरकार को भेजी गयी एक रिपोर्ट (Report) में यह जानकारी दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Central Health Ministry) द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि दल ने पाया है कि नियंत्रण के लिए संतोषजनक कदम नहीं उठाए जा रहे और निगरानी उपायों में कमी भी देखने को मिली।

    महाराष्ट्र के 30 सबसे प्रभावित जिलों के लिए केंद्रीय दल भेजे हैं 

    रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘कम कार्यबल के कारण बुलढाना, सतारा, औरंगाबाद और नांदेड़ में निगरानी और संपर्क में आए लोगों का पता लगाने का काम भी मानक से कम है। भंडारा गए दल ने कहा है कि ज्यादातर मामले निषिद्ध क्षेत्रों से बाहर से आ रहे हैं।” महाराष्ट्र के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) प्रदीप व्यास को संबोधित रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय महामारी से निपटने की तैयारी और कदमों को लेकर समन्वय कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र ने महाराष्ट्र के 30 सबसे प्रभावित जिलों के लिए केंद्रीय दल भेजे हैं और ये दल कोविड-19 के प्रसार के कारणों को समझने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

    जांच के नतीजे आने में देरी

    दल को जांच, संक्रमितों का पता लगाने और रोकथाम उपायों पर ध्यान देते हुए जिला प्रशासन के साथ काम करने की जिम्मेदारी दी गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सतारा, बुलढाना, पालघर, अमरावती, जालना और लातूर जिलों में जांच क्षमता बढ़ाए जाने से जांच के नतीजे आने में देरी हो रही है।”

    अस्पताल में भर्ती होने के कुछ घंटे में मौत के मामले भी बढ़े

    रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘नांदेड़ और बुलढाना के केंद्रीय दल ने आरटी-पीसीआर/आरएटी जांच का बहुत विषम अनुपात पाया है। भंडारा जिले में कोविड-19 जांच को लेकर समुदाय से प्रतिरोध की भी सूचना मिली है। भंडारा और सतारा जिले में कोविड-19 के ज्यादातर मरीज पृथक-वास में हैं, जिसपर आगे नजर रखे जाने की जरूरत है। इस तरह के मामलों में फिलहाल नजर नहीं रखी जा रही।” यह भी कहा गया है कि सतारा जिले में कुछ जगहों पर मरीजों के उपचार के लिए देर से पहुंचने पर अस्पताल में भर्ती होने के कुछ घंटे में मौत के मामले भी बढ़े हैं।

    ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर योजना बनायी जानी चाहिए

    रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘अहमदनगर, औरंगाबाद, नागपुर और नंदूरबार जिलों में अस्पतालों में उपलब्ध बेड के लिहाज से भर्ती मरीजों की संख्या भी ज्यादा है। औरंगाबाद की टीम ने बताया है कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए पड़ोसी जिलों पर निर्भरता है।” रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘भंडारा, पालघर, उस्मानाबाद और पुणे में ऑक्सीजन की आपूर्ति एक मुद्दा हो सकता है। सतारा और लातूर जिलों में खराब वेंटिलेटर के भी मामले सामने आए हैं। अस्पताल स्तर पर और जिला स्तर पर बिना किसी देरी के ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर योजना बनायी जानी चाहिए।”

    स्वास्थ्यकर्मियों की कमी के भी मामले मिले

    रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय दल को औरंगाबाद, नंदूरबार, यवतमाल, सतारा, पालघर, जलगांव और जालना जिलों में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी के भी मामले मिले। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि महाराष्ट्र में रविवार को कोविड-19 के 63,294 नए मामले सामने आये जो महामारी की शुरुआत के बाद से एक दिन में सबसे अधिक मामले है। इससे राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 34,07,245 हो गयी है। राज्य में रविवार को संक्रमण से 349 लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 57,987 हो गयी है।