लखनऊ: देश में कई जगह कोरोना (Corona) का कहर जारी है। इसके चलते देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन (Lockdown) और कर्फ्यू (Curfew) के साथ-साथ सख्त पाबंदियां लगी हैं। ऐसे में कई स्टूडेंट्स (Students) अपनी पढ़ाई और परीक्षाओं (Exams) को लेकर चिंतित हैं। लेकिन छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के फर्स्ट और सेकंड इयर के छात्रों को प्रमोट किए जाने का खाका बना दिया गया है और बताया जा रहा है यूपी सरकार की पहल पर 3 कुलपतियों की कमेटी ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट शासन को भी सौंप दी है।
स्टूडेंट्स को प्रमोट करने की सिफारिश
एक रिपोर्ट के अनुसार, कमेटी ने जो रिपोर्ट बनाई है उसमें ग्रेजुएशन के फर्स्ट-सेकंड इयर के साथ-साथ पीजी के फर्स्ट इयर के स्टूडेंट्स को प्रमोट करने की सिफारिश की गई है और ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लास्ट इयर के स्टूडेंट्स की परीक्षा कराने का ज़िक्र किया गया है।
प्रमोट किए गए छात्रों को अगले साल देने होंगे दो एक्ज़ाम
रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि, कमेटी ने सुझाव दिया है कि, 2020-21 में भी बिना परीक्षा के स्टूडेंट्स को प्रमोट किया गया था। इसलिए अगले साल ग्रेजुएशन के फाइनल इयर की परीक्षा के साथ उनकी सेकेंड इयर की परीक्षा भी ली जाएं। इस परीक्षा के अंकों के आधार पर फर्स्ट इयर के नंबर भी तय किए जा सकते हैं। इससे स्टूडेंट्स सिर्फ एक साल की परीक्षा देकर ही ग्रेजुएट न हों। साथ ही यह भी सुझाव दिया गया है कि, इस बार फर्स्ट इयर के जिन स्टूडेंट को प्रमोट किया जाए उनकी सेंकेंड इयर की परीक्षा में आए मार्क्स के आधार पर फर्स्ट इयर के नंबर तय किए जाएं। वहीं, पीजी फर्स्ट इयर के स्टूडेंट्स को प्रमोट कर दिया जाए, लेकिन लास्ट इयर के विद्यार्थियों की परीक्षा कराई जाएं।
कमेटी ने ऐसे तैयार की है अपनी रिपोर्ट
स्टूडेंट्स के भविष्य को देखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने कमेटी गठित करते हुए रिपोर्ट मांगी थी। सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी ने यूनिवर्सिटियों और एजुकेशन सेक्टर से जुड़े लोगों से बातचीत करने और सलाह लेने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की। इस कमेटी में तीन कुलपति शामिल थे जिनमें कानपुर के प्रो. विनय पाठक, बरेली के प्रो. कृष्णपाल सिंह और लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय शामिल हैं।
UGC ने दी छूट
देश में बुरी तरह फैले कोरोना वायरस से बने हालात के मद्देनज़र यूजीसी ने परीक्षाओं को करने या फिर न करने को लेकर सभी यूनिवर्सिटी को पहले छूट दे रखी है। यूनिवर्सिटियों को ऑटोनॉमस संस्थान कहते हुए यूजीसी ने परीक्षाओं को लेकर अपने स्तर पर फैसला करने को कहा है। वैसे, सरकार द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट को अगर अमल में लाया जाता है तो लास्ट इयर के छात्रों को छोड़कर सभी स्टूडेंट्स के लिए यह एक बड़ी राहत से कम नहीं होगी। कमेटी ने हालांकि अपनी रिपोर्ट सौंप दी है जिस पर अब अंतिम फैसला सरकार लेगी।