biomedical Waste
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    पटना:  बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (BSPCB) ने मंगलवार को कहा कि वह राज्य के 1,800 स्वास्थ्य केंद्रों (health centers) को जैव चिकित्सा अपशिष्ट (biomedical waste) निपटान के लिए निर्धारित मानदंडों का पालन करने में विफल रहने पर उन्हें बंद करने के लिए नोटिस जारी कर रहा है। BSPCB के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष (Ashok Kumar Ghosh) ने कहा कि राज्य के छह जिलों में इन केंद्रों को निपटान के लिए निर्धारित नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए 15 दिनों की मौहलत के साथ ‘‘बंद करने का प्रस्तावित निर्देश” दिया जा रहा है। 

    उन्होंने कहा, ‘‘यदि ये 1800 स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं या केंद्र राज्य में सामान्य जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उपचार सुविधाओं (CBWTF) में चिकित्सा अपशिष्ट के वैज्ञानिक भंडारण, परिवहन और उपचार से संबंधित मानदंडों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो BSPCB उन्हें बंद करने का आदेश देगा।” घोष ने PTI-भाषा’ को बताया, ‘‘बोर्ड बिजली वितरण कंपनियों से इन स्वास्थ्य इकाइयों को ऐसी परिस्थितियों में बिजली आपूर्ति बंद करने का भी अनुरोध करेगा।” 

    उन्होंने कहा कि पटना में सबसे अधिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में नियमों को ताक पर रखा जा रहा है, इसके अलावा भोजपुर, बक्सर, नालंदा, रोहतास और कैमूर जिले भी इसमें शामिल हैं। घोष ने कहा कि बोर्ड को यह ‘‘कठोर कदम” उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि बार-बार याद दिलाने के बावजूद, चिकित्सा केंद्रों ने इसमें बदलाव नहीं किया। बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘संबंधित जिलाधिकारियों (DM) को उनके संबंधित जिलों में इन दोषी चिकित्सा केंद्रों को नोटिस भेजे जाने की सूचना दी गई है।” 

    BSPCB के वैज्ञानिक डॉ नवीन कुमार ने कहा कि कचरा निपटान नियमों का पालन न करने से मानव और पर्यावरण को गंभीर खतरा हो सकता है। कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राज्य में सभी चिकित्सा प्रतिष्ठानों को जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 का पालन करना आवश्यक है। नियमों का पालन न करना एक गंभीर अपराध है।” (एजेंसी)