NIA Raid
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    नई दिल्ली : नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी यानी NIA ने आतंकवाद के खिलाफ जारी अभियान में ED के साथ मिलकर बड़ी कार्रवाई की है। देश के करीब 14 राज्यों में हुई छापेमारी के बाद पीएफआई कार्यकर्ताओं ने बसों को अपना निशाना बनाया। जिसमें अब करीब 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तो चलिए आपको इस पूरे मामले की जानकारी देते हैं 

    बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला 

    बता दें कि इस छापेमारी के बाद पीएफआई ने ऑटो रिक्शा में तोड़फोड़ की और तमिलनाडु के कोयंबटूर में सदस्यों के गिरफ्तारी के बाद पीएफआई ने हिंसक प्रदर्शन किया है साथ ही इस दौरान बीजेपी ऑफिस पर भी हमला किया गया है। दरअसल, बीजेपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उनके कार्यालय पर पेट्रोल बम फेंका गया है। साथ ही गिरफ्तारी को लेकर आज एक दिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल के आह्वान किया है। 

     50 से अधिक पीएफआई कार्यकर्ता हिरासत में 

    Ani के रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्नाटक के हुबली में पीएफआई के खिलाफ जारी छापेमारी के विरोध में हुबली में 50 से अधिक पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। दोपहर के आसपास डकप्पा सर्कल में एकत्र हुए कार्यकर्ता, सड़क अवरुद्ध करने की कोशिश करते हुए एनआईए और भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। 

    100 से अधिक गिरफ्तार 

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुवार को 14 राज्यों में पीएफआई के ठिकानों पर एनआईए और ईडी  द्वारा बड़े पैमाने पर छापेमारी की गई थी। जिसमें करीब 100 से भी ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया। बता दें कि इन सबके बीच पीएफआई कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक रोडवेज की बसों को अपना निशाना बनाते हुए बसों पर जमकर पत्थरबाजी की।

    महाराष्ट्र समेत इन राज्यों से हुई गिरफ्तारी 

    गौरतलब है कि इस रेड में सबसे अधिक लोग केरल और महाराष्ट्र से अरेस्ट किए गए। जहां केरल से 22 लोगों को अरेस्ट किया गया है तो वहीं महाराष्ट्र और कर्नाटक से 20-20 लोगों को अरेस्ट किया गया है। असम से 9, दिल्ली से 3, मध्य प्रदेश से 4, आंध्र प्रदेश से 5 और पुदुचेरी से 3 लोगों को एजेंसियों ने पकड़ा है। इसी कड़ी में तमिलनाडु से 10, यूपी 8 और राजस्थान से 2 लोगों को भी पकड़ा गया है। 

    क्यों हुई छापेमारी में गिरफ़्तारी 

    दरअसल, देश के अलग-अलग राज्यों में हुई छापेमारी में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों पर आतंकी शिविर आयोजित करने, टेरर फंडिंग और लोगों को कट्टरता की सीख देने के आरोप लगे हैं। गौरतलब है कि होम मिनिस्ट्री की नजर की पीएफआई और उसकी राजनीतिक शाखा एसडीपीआई पर कई सालों से बनी हुई है।