जानें कौन हैं वे दो नेता, जिन्होंने महिला आरक्षण बिल के खिलाफ दिए लोकसभा में वोट

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नई दिल्ली: महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill ) लोकसभा से पारित हो गया है। निचले सदन में दो तिहाई बहुमत से यह बिल पारित हुआ। सदन में बिल को लेकर पक्ष में 454 और खिलाफ में 2 मत डाले गए हैं। गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस बीच, चर्चा हो रही है उन दो नेताओं की जिन्होंने इस बिल के विरोध में वोट किया। आइये जानते है वो दो नेता कौन हैं। 

‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल’ के नाम से पेश महिला आरक्षण विधेयक के विरोध में दो सांसदों ने वोटिंग की। वो सांसद हैं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) और उनकी ही पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील (Imtiyaz Jaleel)। दरअसल हैदराबाद से AIMIM के सांसद ओवैसी ने इस बिल में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग की हैं।

बिल में OBC और मुस्लिम के लिए आरक्षण का प्रावधान क्यों नहीं किया गया?

सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में कहा कि मोदी सरकार संसद में सिर्फ सवर्ण महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है। सरकार को ओबीसी और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की चिंता नहीं है। साथ ही उन्होंने सवाल भी किया कि इस बिल में ओबीसी और मुस्लिम समुदायों के लिए आरक्षण का प्रावधान क्यों नहीं किया गया? उन्होंने कहा कि संसद में ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है। 

OBC समुदाय का प्रतिनिधित्व महज 20 प्रतिशत 

सदन में बोलते वक्त ओवैसी ने पीएम नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी हैं, लेकिन आज सदन में ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व महज 20 प्रतिशत है।” साथ ही उन्होंने इसे चुनावी स्टंट भी करार दिया।

बिल के पक्ष में 454, विरोध में 2 मत 

इससे पहले, महिला आरक्षण बिल लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से पारित हुआ, जिसमें महिलाओं को चुनाव लड़ने के लिए 33% का आरक्षण का प्रावधान है। इस बिल को लेकर मतदान पर्चियों के जरिए किया गया। निचले सदन में बिल के पक्ष में 454 और खिलाफ में 2 मत डाले गए। इस विधेयक का कांग्रेस, सपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने समर्थन किया।