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    कहते हैं न किसी का एक सही फैसला उसे फर्श से अर्श तक पंहुचा सकता है। वहीं एक गलत फैसला उसे अर्श से फर्श तक ला सकता है। ऐसा ही हुआ देश के मशहूर उद्योगपति रहे विजय माल्या के साथ जिसका एक फैसला उसकी जिंदगी का सबसे बुरा फैसला साबित हुआ। जिसका परिणाम यह हुआ की वह देश का सबसे बड़ा भगोड़ा बन गया। विजय माल्या के 66वे जन्मदिन पर आइए जानते हैं, उनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्य। 

    The Kings of good Times कहे जाने वाले विजय माल्या का जन्म 18 दिसंबर 1955 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में भारत के महान उद्योगपति विट्टल माल्या के घर में हुआ था।  उनके पिता उस दौरान यूनाइटेड ब्रेवेरी ग्रुप के चेयरमैन थे, और उनकी मां का नाम ललिता रमैया था। विजय माल्या की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई कोलकाता के ला मार्टिनियर स्कूल से हुई इसके बाद उन्होंने सेंट जेवियर कॉलेज से कॉमर्स ऑनर्स से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। अपने कॉलेज के दौरान विजय माल्या ने अपनी खानदानी कंपनियों में इंटर्न के तौर पर काम किया थ।

    विजय माल्या का निजी जीवन

    विजय माल्या की साल 1986 में मुलाकात एयर इंडिया की एयर होस्टेस समीरा तैयबजी से हुई, जिसके बाद उन्होंने उससे शादी कर ली और शादी के बाद दोनों को एक बेटा हुआ, जिसका नाम सिद्धार्थ माल्या है. हालांकि यह शादी ज्यादा दिन नहीं चल सकी और दोनों का तलाक हो गया. इसके बाद विजय माल्या ने साल 1993 में अपने बचपन की दोस्त रेखा से शादी कर ली. दूसरी शादी से माल्या को दो बेटियां तान्या माल्या और लेना माल्या हैं.

    विजय माल्या का करियर

    वर्ष 1973 में अपने पिता की अकस्मात् मृत्यु के बाद विजय मात्र 28 साल के उम्र में UB ग्रुप के अध्यक्ष बन गए। तब से लेकर अब तक UB ग्रुप एक बहुराष्ट्रीय समूह की तरह उभरा है जिसके अंतर्गत लगभग 60 कंपनियां हैं। 1973 से लेकर 1999 तक ग्रुप का टर्नओवर लगभग 64 प्रतिशत बढ़ा। विजय ने समूह के तमाम कंपनियों को मजबूत बनाया और घाटे में चल रही कंपनियों को या तो बेच दिया या बंद कर दिया। उन्होंने अपना पूरा ध्यान ग्रुप के मुख्य व्यवसाय शराब पर लगाया। उन्होंने अपने मुख्य धंधे को न सिर्फ कंसोलिडेट किया बल्कि कई कंपनियों का अधिग्रहण कर अपने व्यवसाय को और डाइवर्सिफाई किया। उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों के कई कंपनियों का अधिग्रहण किया। इनमें प्रमुख हैं बर्जर पेंट, बेस्ट, क्रॉम्पटन, मालाबार कैमिकल्स एंड फर्टिलाइज़र्स।

    UB ग्रुप की मुख्य कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड विजय माल्या के नेतृत्व में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शराब बेचने वाली कंपनी बन गयी। वर्ष 2012 में UB ग्रुप को यूनाइटेड स्पिरिट्स का प्रबंध नियंत्रण ब्रिटेन की दिग्गज शराब कंपनी डियाजिओ को देना पड़ा।

    शुरू की किंगफिशर एयरलाइन्स

    विजय माल्या ने वर्ष 2005 में किंगफ़िशर एयरलाइन्स की शुरुआत की। यह भारत में पहली एयरलाइन थी जिसने सभी नए विमानों के साथ काम शुरू किया। इसके साथ-साथ, किंगफिशर एयरलाइंस, एयरबस ए 380 खरीदने वाली भारत की पहली एयरलाइन बन गयी। 2005 में स्थापित किंगफिशर एयरलाइंस, माल्या द्वारा शुरू किया गया एक प्रमुख व्यावसायिक उद्यम था। 

    आर्थिक कुप्रबंधन के कारण कंपनी कई सालों तक जबरदस्त घाटे में रही और फिर दिवालिया हो गयी जिसके कारण वर्ष 2013 में इसे बंद करना पड़ा। यह अंततः दिवालिया हो गया और इसे बंद करना पड़ा। अक्टूबर 2013 तक, इसने अपने कर्मचारियों को 15 महीनों तक वेतन का भुगतान नहीं किया था। एयरलाइन पर करीब एक बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का कर्जा हो गया, जिसके बाद कंपनी ने अपना लाइसेंस खो दिया था।

    विजय माल्या पर लगातार बैंकों का कर्ज बढ़ता गया और 2015 तक वह बढ़कर नौ हजार करोड़ से ज्यादा का हो गया। वहीं इसी दौरान वह भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गया। लगातार नोटिस देने के बाद भी जब माल्या की तरफ से बैंक का कर्ज वापस नहीं किया गया तो उसे भारतीय कानून के तहत भगोड़ा घोषित कर दिया गया। 

    विजय माल्या का राजनीतिक करियर

    एक प्रसिद्ध उद्योगपति के साथ राजनेता भी रहे।  वर्ष 2000 में, अखिल भारतीय जनता दल के सदस्य बने। जिसके बाद वर्ष 2002 में, अपने गृह राज्य कर्नाटक के एक स्वतंत्र सदस्य के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके एक साल बाद वर्ष 2003 में, सुब्रमण्यम स्वामी के नेतृत्व में जनता पार्टी में शामिल हो गए। वह सात साल तक जनता दल के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वहीं वर्ष 2010 में दूसरे कार्यकाल के लिए राज्यसभा के लिए फिर से चुने गए।