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    प्रयागराज.  अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और श्रीमठ बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) की मृत्यु के बाद इस मठ के महंत के तौर पर बलवीर गिरि (Balveer Giri) का नाम लगभग तय हो गया है और बृहस्पतिवार को हरिद्वार (Haridwar) में इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी। यह जानकारी निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने बुधवार को दी।

    यहां श्रीमठ बाघंबरी गद्दी परिसर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए महंत रवींद्र पुरी ने बताया, “कल शाम हमारी एक बैठक हुई जिसमें यह निर्णय हुआ कि जिसके नाम पर वसीयत है, उसे महंत बनाया जाएगा। लेकिन चूंकि हमारे बाकी महंत हरिद्वार में हैं, इसलिए कल इस मामले पर उनसे चर्चा होगी और बलवीर गिरि के नाम की औपचारिक घोषणा की जाएगी।”

    उन्होंने कहा, “ यह लगभग तय हो चुका है कि बलवीर गिरि को इस मठ का महंत बनाया जाएगा। हमारे यहां षोडशी भंडारे के दिन ही महंत पर चादर ओढ़ाने की परंपरा है।” महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि अगले महीने की पांच तारीख को षोड़सी भंडारा होगा और महंत पर चादर ओढ़ाने की परंपरा निभाई जाएगी। यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक चलेगा और भव्य भंडारा होगा। उन्होंने बताया कि महंत की नियुक्ति के समय एक निगरानी समिति बनाई जाएगी जिसमें निरंजनी अखाड़े के पांच महंत होंगे। यह समिति इस बात पर नजर रखेगी कि नवनियुक्त महंत इस मठ की जमीन आदि ना बेच पाए।

    महंत रवींद्र पुरी ने इस मठ की संपत्ति के बारे में बताया कि बाघंबरी गद्दी मठ के पास यहां के परिसर की जमीन, गांव में 30-50 बीघा जमीन और लेटे हनुमान मंदिर है। उल्लेखनीय है कि 20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि ने अपने मठ में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी और उनके कथित सुसाइड नोट में बलवीर गिरि को इस मठ का महंत बनाने की बात कही गई थी। महंत नरेंद्र गिरि के वकील ऋषि शंकर द्विवेदी के मुताबिक, नरेंद्र गिरि ने अपनी आखिरी वसीयत चार जून, 2020 को बलवीर गिरि के नाम लिखी थी और वही मान्य है।