- गौतम गंभीर ने कहा- शर्म है तो माफी मांगे केजरीवाल
नयी दिल्ली. जहाँ एक तरफ सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एक कमेटी ने कहा है कि, कोरोना महामारी के चरम समय पर केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में ऑक्सीजन की डिमांड जरूरत से चार गुना ज्यादा की। वहीँ इस रिपोर्ट में यह भी साफ़ कहा गया है कि ऑक्सीजन की जरूरत केवल 289 मीट्रिक टन थी, लेकिन इसके विपरीत केजरीवाल सरकार ने इससे 4 गुना ज्यादा यानी कि 1140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की। अब इस रिपोर्ट के चलते केजरीवाल सरकार बैकफूट पर है और अनेक सवालों के घेरे में है। इधर इन सबके बाद अब बीजेपी भी लगातार अरविंद केजरीवाल पर हमलावर हो रही है।
Supreme Court oxygen audit team has submitted its report before SC & stated that the Delhi government exaggerated its oxygen requirement by four times during the peak of the second wave of #COVID crisis
— ANI (@ANI) June 25, 2021
Delhi government exaggerated the oxygen requirement for the city by more than four times between April 25 & May 10. Supply of excess oxygen to Delhi could have triggered a crisis in its supply to 12 high caseload states, as per the report
— ANI (@ANI) June 25, 2021
BJP मांग रही जवाब:
जहाँ एक तरफ बीजेपी नेता दिल्ली CM केजरीवाल से माफी मांगने के लिए कह रहे हैं। वहीं इन सबके बीच आज बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल में वाकई शर्म है तो तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस करें और ऑक्सीजन को जरूरत को 4 गुना बताने के लिए देश से हाथ जोड़ केर माफी मांगे।
If you have any shame left @ArvindKejriwal, hold one of your PCs now & apologise to the nation for inflating oxygen need BY FOUR TIMES during second wave!
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) June 25, 2021
It is unbelievable to see that Arvind Kejriwal & Delhi govt politicised oxygen supply when #COVID was at its peak. This is such petty politics. The data presented by Oxygen Audit Committee in the report is shocking: BJP leader Sambit Patra pic.twitter.com/2YunmAczzO
— ANI (@ANI) June 25, 2021
वहीं बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि, “दिल्ली की ऑक्सीजन आवश्यकता पर झूठा शोर मचा कर देशभर की ऑक्सीजन सप्लाई बाधित करने के दोषी अरविंद केजरीवाल, देशवासियों से माफी मांगो।” साथ ही बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना ने भी कहा, “अरविंद केजरीवाल ने कोरोना काल में ऑक्सीजन का जो गंदा खेल खेला उसे आज कोर्ट की एक्स्पर्ट कमेटी ने उजागर कर दिया। इस कमेटी ने साफ कहा कि जो मांग दिल्ली के मुख्यमंत्री कर रहे है वो खपत से 4 गुना ज्यादा है। तभी तो ऑडिट की बात आते ही उनका ऑक्सीजन-ऑक्सीजन बंद हो गया था।”
क्या है पूरा मामला जिससे हो रहा बवाल :
दरअसल बीते 8 मई को सुप्रीम कोर्ट ने देश में ऑक्सीजन वितरण व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक 12 सदस्यीय टास्क फोर्स गठित की थी। इसमें दिल्ली के लिए अलग से एक सब-ग्रुप भी बनाया गया था। जिसमे AIIMS निदेशक रणदीप गुलेरिया, मैक्स हेल्थकेयर के संदीप बुद्धिराजा के साथ केंद्र और दिल्ली के 1-1 वरिष्ठ IAS अधिकारी सम्मिलित हैं। इस कमिटी को पेट्रोलियम एंड ऑक्सीजन सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (PESO) ने बताया कि दिल्ली के पास तब सरप्लस ऑक्सीजन था। जो दूसरे राज्यों को भी मिल सकता था। वहीं दिल्ली को लगातार अधिक सप्लाई देने से एक बहुत बड़ा राष्ट्रीय संकट भी पैदा हो सकता था।
वहीं इस ऑक्सीजन ऑडिट के लिए गठित कमिटी की माने तो, दिल्ली की तरफ से बीते 25 अप्रैल से 10 मई के बीच ऑक्सीजन की जो मांग रखी, वह वास्तविक आवश्यकता से कम से कम 4 गुना तक अधिक हो सकती है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया था कि दिल्ली को रोजाना 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की जाए। वहीं कोर्ट में बहस के दौरान केंद्र के वकील सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने भी पुरजोर कहा था कि दिल्ली को फिलहाल अधिकतम 415 मीट्रिक टन की ही जरूरत है।” आज की कोर्ट की एक्स्पर्ट कमेटी की इस रिपोर्ट ने फिलहाल कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनके उत्तर देने के लिए CM केजरीवाल फिलहाल नदारद हैं।